भारत के ऐसे शहर जहाँ पर दशहरे पर रावण दहन की जगह रावण की पूजी होती हैं तथा कही पर मनता हैं मातम

UP News : भारत में कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां दशहरा पर पुतले जलाने जैसी कोई परंपरा नहीं है, यहाँ पर उसकी पूजा होती हैं

Update: 2022-10-06 11:32 GMT

UP News :भारत में कल हर जगह दशहरे के मौके पर रावण दहन की प्रक्रिया संपन्न की गयी हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि भारत में बहुत-सी ऐसी जगहे भी हैं। जहाँ पर रावण को जलाया नहीं जाता हैं। वहाँ पर रावण की लोगो द्वारा पूजा की जाती हैं। तथा दशहरे के मौके पर मातम मनाया जाता हैं। रावण एक राक्षस था तथा ब्राह्णण के साथ-साथ वो बहुत-ही बुद्धिमान था। इसलिए भारत में ऐसी जगह हैं जहाँ पर रावण का पुतला नहीं फूका जाता हैं।  

वो जगह जहाँ पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता हैं-

कर्नाटक (कोलार)-

 कर्नाटक में कोलार एक ऐसी जगह है जहां लोग रावण का पुतला नहीं जलाते हैं। कर्नाटक में कोलार जिला और मालवल्ली शहर दो ऐसी जगहे हैं, जहां रावण के मंदिर हैं। राज्य में एक मछुआरा समुदाय लंका के राजा की पूजा करने के लिए जाने जाते हैं। यहाँ के लोगो का मानना हैं कि रावण का पुतला जलाने से आग लगने का खतरा होता है। आग फसलों को नष्ट या नुकसान पहुंचा सकती है, इसलिए कुछ लोग डर के मारे पुतले नहीं जलाते हैं। 

मध्य प्रदेश में मंदसौर-

रावण के मंदोदरी के साथ विवाह की कुछ रस्में इस कस्बे में हुई थीं, इसलिए कुछ ब्राह्मण उसे अपना दामाद मानते हैं। कुछ पुजारी रावण के लिए श्राद्ध और पिंडदान भी करते हैं। इसी तरह, मध्य प्रदेश में मंदसौर को मंदोदरी का पैतृक घर माना जाता है। इसलिए यहाँ पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता हैं। 

बैजनाथ, कांगड़ा (उत्तराखंड)-

बैजनाथ में लोग भगवान शिव की भक्ति के लिए रावण का लोग सम्मान करते हैं। कहाँ जाता हैं कि यदि वो रावण का पुतला दहन करेगे तो उन्हें भगवान शिव के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। और लोग आप्रकृतिक मौत मरेगे। 

बिसरख, उत्तर प्रदेश-

ये उत्तर प्रदेश का एक छोटा सा गाँव हैं। जहां लोग मानते हैं कि रावण का जन्म हुआ था। वे रावण को 'महा-ब्राह्मण' मानते हैं और जश्न मनाने के बजाय, वे नौ दिनों तक उनकी मृत्यु का शोक मनाते हैं। 

कानपुर, उत्तर प्रदेश-

कानपुर में शिवला में भगवान शिव के एक मंदिर में रावण को समर्पित एक और मंदिर भी है, जिसे दशानन मंदिर कहा जाता है। वहां भक्त रावण की पूजा कर मन और आत्मा की पवित्रता को समर्पित करते हैं। 

 परसवाड़ी, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र)-

यहाँ के लोग खुद को रावण का वंशज मानते हैं। यहाँ के लोगो का मानना हैं कि कि रावण एक गोंड राजा था, जिसे आर्य आक्रमणकारियों ने मार दिया था। गांव में यह माना जाता है कि वाल्मीकि रामायण में तुलसीदास के रामचरितमानस की तरह रावण को खलनायक के रूप में नहीं बताया गया हैं।

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