Indian Economy: एक ओर जहां सरकार बार-बार लगातार भारतीय अर्थव्यस्था (Indian Economy) को मजबूत करने में युवाओं के योगदान और उनके पेशेवर काम को बेहद अहम मान रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुम्बई स्थित सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (Center for Monitoring Indian Economy Private Limited) द्वारा किए गए शोध में बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। इस खुलासे के मद्देनजर भारत में नौकरी की कमी और मनपसंद नौकरी ना मिलने के चलते लोगों का मन नौकरी करने से हट गया है और वर्तमान में भारत के करीब 450 मिलियन लोग नौकरी नहीं करना चाहते हैं। यह खबर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही बड़े झटके के रूप में सामने आई है।

ना के बराबर पैदा हो रहे रोजगार के अवसर

ना के बराबर पैदा हो रहे रोजगार के अवसर भारत में कोरोना महामारी (Coronavirus In India)और अन्य कारणों के चलते रोजगार के अवसर लगभग ना के बराबर पैदा हो रहे हैं। ऐसे में लोगों का नौकरी से मन हटना और मनपसंद काम ना मिलने जैसी समस्याएं लाजिमी है। बीते कुछ समय से नौकरी ढूंढ रहे लोगों ने यह योजना छोड़ देने का मन बनाया है। इन आंकड़ों के मुताबिक भारत की कुल आबादी का लगभग एक तिहाई और कामकाज करने वाली आबादी का कुल आधी जनसंख्या अब नौकरी ना करने की योजना बना रही है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह मुश्किल घड़ी

वर्तमान की रोजगार स्थिति पर ज़ोर डालें तो भारत में अधिकतर नौकरी कर रहे लोगों को संतुष्टि नहीं है, या तो वह अपने मेहनताने से परेशान हैं या फिर उनसे कराए जा रहे काम से। अब ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह मुश्किल घड़ी साबित हो सकती है, क्योंकि एक ओर जहां सरकार युवाओं और सेवा क्षेत्र से जुड़े अधिकतर लोगों को ध्यान में रखकर योजनाएं बना रही है वहीं दूसरी ओर इन युवाओं की योजना चिंता पैदा कर सकती है।