UP Shikshak Bharti 2022; इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा हैं कि पहले सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत अभ्यार्थी को इन पदों पर दोबारा आवेदन करने और चयनित होने का अधिकार हैं। तथा ऐसा करके अभ्यार्थी अपने अंक भी बढ़ा सकते हैं और अपने पसंद के जिले में नियुक्ति भी करवा सकते हैं।

क्या कहा इलाहाबाद हाईकोर्ट ने -

UP Sahayak Shikshak Bharti 2022; इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने कहा कि पहले से सहायक अध्यापक के पद पर कार्य करने वाले उम्मीदवारो को दुबारा इसी पद पर आवेदन करने और चयनित होने का अधिकार हैं। उन्हें अपना अंक बढ़ाने और अपनी पंसद के जिले में नियुक्ति कराने का अधिकार हैं। तथा उनको इस अधिकार का प्रयोग करने के लिए रोका नहीं जायेगा। तथा उसी के साथ कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा एकल न्याय पीठ के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अपील भी खारिज कर दिया हैं।

इससे पहले एकल न्याय पीठ ने अभ्यार्थियों की याचिका स्वीकार करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा जारी 4 दिसंबर 2020 के शासनदेश के पैरा पांच एक को असंवैधानिक मनमाना और अधिकार क्षेत्र से बाहर का करार देते हुए रद्द कर दिया था। इन शासनादेश द्वारा राज्य सरकार ने ऐसे उम्मीदवारों को 69 हजार सहायक अध्यापक पद के लिए चयनित होने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया था। जो उम्मीदवार पहले से ही सहायक पद पर कार्य कर रहे थे।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की उस दलील को नहीं माना जिसमें कहा गया था कि सहायक अध्यापकों के पास अंतर जिला स्थानांतरण का विकल्प मौजूद हैं। उनके दोबारा उसी पद के लिए आवेदन करने से सरकार द्वारा शिक्षकों के सभी पद भरे जाने की मंशा प्रभावित होगी और शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उद्देश्य भी सफल नहीं होगा।

एकल पीठ का कहना हैं कि सहायक पद पर पहले से कार्य कर रहे अध्यापको दोबारा उसी पद पर कार्य करने के लिए आवेदन करने से कोई रोक नहीं सकता हैं। याची द्वारा अधिक अंक लाने से वे अपने पंसद के जिले में नियुक्ति पा सकते हैं।