UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में 90 के दशक में राजनीतिक अस्थिरता का दौर ही रहा। यही वो दौर था जब राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Andolan) के रथ पर सवार कल्याण सिंह (Kalyan Singh) ने प्रदेश में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनायी। 24 जून, 1991 को प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में बनी सरकार करीब डेढ़ साल ही चल सकी। सरकार भले ही थोड़े समय के लिए चली हो, लेकिन इसने उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जमीन उपजाऊ बना दी। 1991 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बीजेपी ने 31.45 प्रतिशत वोट के साथ रिकॉर्ड 221 सीटें जीती।

हालांकि, बाबरी विध्वंस के बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का दौर रहा। साल भर के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन (President's Rule) लगा दिया गया। 1993 में समाजवादी पार्टी (SP) की सरकार बनी। लेकिन बसपा (BSP) ने समर्थन वापस ले लिया। 3 जून, 1995 को एक नए घटनाक्रम के तहत बीजेपी के समर्थन से मायावती (Mayawati) ने प्रदेश में मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। इस वक़्त बीजेपी के पास 33.33 प्रतिशत वोट के साथ 177 सीटें थीं। जबकि बसपा के पास 28.53 प्रतिशत मत के साथ 67 सीट थी। फिर राज्य को राष्ट्रपति शासन से गुजरना पड़ा।

मायावती-कल्याण सिंह (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पांच साल बाद सत्ता में लौटी बीजेपी

अब आया समय 1996 विधानसभा चुनाव का। इस चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर अपने वोट प्रतिशत 32.50 को मामूली अंतर के साथ बरकरार रखते हुए 174 सीटें हासिल की। तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) रही, जिसे 67 सीटें मिली। बसपा का वोट प्रतिशत 19.64 था। इस समीकरण के साथ मायावती और कल्याण सिंह ने मिलकर सरकार बनाई। फिर बसपा की तरफ से समर्थन वापसी हुई। दो महीने बाद ही कल्याण सिंह की सरकार गिर गई। फिर राजनीतिक अस्थिरता। इसके चलते बीजेपी ने पांच साल में तीन सीएम बदले। कल्याण सिंह के बाद राम प्रकाश गुप्ता और फिर राजनाथ सिंह बीजेपी के मुख्यमंत्री बने।


बीजेपी की 15 साल बाद सत्ता में वापसी

बीजेपी राज्य की सत्ता में 2002 तक काबिज रही। लेकिन 2002 के बाद बीजेपी को 15 साल लंबा इंतजार करना पड़ा। 2017 में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनी। योगी आदित्यनाथ उनके सीएम बने। इन 15 सालों में उत्तर प्रदेश की सत्ता क्षेत्रीय क्षत्रपों के हाथों में ही रही। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता दिखाई नहीं दी। अर्थात कोई सरकार बीच में ही नहीं गिरीं। 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने रिकॉर्ड 39.67 प्रतिशत वोट के साथ 312 सीटें हासिल की। अब एक बार फिर बीजेपी चुनावी मैदान में है। 2022 का विधानसभा चुनाव वो योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर ही लड़ेगी।


1989 से अब तक बीजेपी का प्रदर्शन आंकड़ों में

1989 में बीजेपी ने 11.61 प्रतिशत वोट के साथ 57 सीटें जीतने में सफलता पायी थी।

1991 में 31.45 प्रतिशत वोट के साथ 221 सीट हासिल की।

1993 में 33.30 प्रतिशत के साथ 177 सीट पाई थी।

1996 में 32.52 प्रतिशत वोट के साथ 174 सीट हासिल की।

2002 में 20.08 प्रतिशत के साथ 50 सीटें पायी थी।

2007 में 16.97 प्रतिशत वोट के साथ 51 सीट हासिल की।

2012 में 15 प्रतिशत वोट के साथ 47 सीटें मिली।

2017 में 39.67 प्रतिशत वोट के साथ 312 सीटें हासिल की।

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