Independence Day: भारत को आजाद हुए इस साल 75 साल हो जाएगे। लेकिन भारत की आजादी के लिए हमने क्या कीमत दी हैं। उसे शायद ही कोई भूल सकता हैं, अंग्रेज जाते-जाते भी देश के दो टुकड़े करके चले गए। 14 अगस्त 1947 की तारीख भारत के इतिहास में वो दिन हैं, जिसे कोई नहीं भूल सकता हैं। भारत को अंग्रेजो की 200 वर्षो की गुलामी से आजादी मिली तो वहीं देश को दो टुकड़े में बांट दिए जाए का गम भी सहना पड़ा।

Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas-

14 अगस्त 1947 का वो दिन जिस दिन लाखो लोगो को अपना घर, अपने व अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस दिन देश दो टुकड़ो में बट गया। पिछली साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया. ऐलान, 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का फैसला लिया था। पीएम मोदी ने कहा, "अब हर साल स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के तौर पर याद किया जाएगा. देश का विभाजन कैसे हमारे लिए विभीषिका बनी, इसे याद करने के लिए 14 अगस्त को यह खास दिवस के रूप में मनाया जाएगा। " एक वो दिन था, जिस दिन देश को इस दर्द से गुजरना पड़ा था। और एक आज का दिन हैं।

क्या कहा था प्रधानमंत्री मोदी ने-

पिछली साल 14 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाने को कहा था। उन्होने कहा- "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस, सामाजिक विभाजन, वैमनस्यता के जहर को दूर करने और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तीकरण की भावना को और मजबूत करने की जरूरत की याद दिलाए. यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए प्रेरित करेगा. साथ ही इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। "

भारत सरकार, भारत की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाने के लिए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाये जाने का फैसला लिया गया।

14 अगस्त का इतिहास (14 August History)-

भारत को 14 अगस्त 1947 को वो असहनीय दर्द सहना पड़ा था। जिसके चलते लाखो लोगो ने अपनी जाने तक गवा दी थी। ब्रिटिश हुकूमत से आजादी के लिए भी लाखों भारतीयों ने कुर्बानियां दी थीं. 14 अगस्त 1947 की आधी रात भारत की आजादी के साथ देश का भी विभाजन हुआ और पाकिस्तान का आस्तित्व सबके सामने आया। अंग्रेजो से हमें आजादी सिर्फ इसी शर्त पर मिली थी। इस बंटवारे से बंगाल भी प्रभावित हुआ था। पश्चिम बंगाल वाला हिस्सा भारत का रह गया और बाकी पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। पूर्वी पाकिस्तान को भारत ने 1971 में बांग्लादेश के रूप में स्वतंत्र राष्ट्र बन गया था।

इस अदला-बदली में दंगे भड़के, कत्लेआम हुए। जो लोग बच गए, उनमें लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई थी। भारत-पाक विभाजन की यह घटना सदी की सबसे बड़ी त्रासदी में बदल गया था। इस विभाजन ने ना केवल देश को दो टुकड़ो में ही बाँटो लोगो के दिलो को भी बाँट दिया। दो दिलो के बीच फैली ये नफरत शायद ही अब कभी मिटे।