Black Tajmahal का इतिहास क्या हैं, कौन-सा शासक बनवाना चाहता था इसे जानिए
Black Tajmahal History in Hindi : आजकल ब्लैक ताजमहल चर्चा का विषय बना हुआ हैं। क्योकि इतिहास के पन्नों में इस सफेद ताजमहल के साथ एक काले ताजमहल का जिक्र भी मिलता है। ब्लैक ताजमहल का जिक्र भले ही इतिहास के पन्नो में हैं लेकिन ये कभी भी बनकर तैयार नहीं हो पाया था। जानिए इसके इतिहास के बारे में
ब्लैक ताजमहल हिस्ट्री-
आगरा में निर्माण पूरा होने के बाद शाहजहां एक और ताजमहल बनवाना चाहते थे, जो पूरी तरह से काला हो. काले पत्थरों से एक ताजमहल बनवाने की उनकी ख्वाहिश कभी सच नहीं हो पायी। शाहजहाँ की ये ख्वाहिश क्यो नहीं पूरी हो पायी इसको लेकर हर जगह पर अलग-अलग तर्ज दिया गया था।
तो वहीं बीबीसी की रिपोर्ट में इतिहास के प्रोफेसर नजफ हैदर से बातचीत के आधार पर लिखा गया है कि काले ताजमहल की कहानी में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।
ब्लैक ताजमहल कहाँ बनाना चाहता था शाहजहाँ-
सफेद ताजमहल बनवाने के बाद कहा जाता हैं कि ताजमहल के पीछे यमुना नदी के पार वाले इलाके को माहताब बाग कहा जाता है। इसी माहताब बाग में ही काला ताजमहल बनवाना चाहता था शाहजहाँ
क्यो बनवाना चाहता था ब्लैक ताजमहल शाहजहाँ-
इतिहासकारो की माने तो शाहजहाँ ने सफेद ताजमहल अपनी बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था। तो वहीं वह काला ताजमहल खुद के लिए बनवाना चाहता था। लेकिन उसका ये सपना इसलिए भी कभी सच नहीं हो पाया क्योकि उसके बेटे औरंगजेब से उसकी तकरार बढ़ती गई। तथा औरंगजेब ने शाहजहां को घर में नजरबंद कर लिया था। बता दें कि इस कहानी का जिक्र इस कहानी का ज़िक्र यूरोपीय लेखकर जेन-बैप्टाइज टेवरनियर ने किया था जो 1665 में आगरा गए थे। उन्होने सफेद ताजमहल के अलावा ताजमहल के सामने काला ताजमहल उसकी परछाई या दूसरी छवि बनाने के लिए बनाए जाने का जिक्र किया था।