Christmas 2023: 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाता हैं। इस दिन सांता क्लॉज खुशियाँ बांटता हैं व बच्चों को गिफ्ट्स देता हैं। इस दिन सांता के साथ-साथ ज्यादातर लोग लाल रंग के कपड़े पहनकर सेलिब्रेट करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि क्रिसमस के दिन संता लाल रंग का कपड़ा क्यो पहनते हैं यदि नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके बारे में

संता लाल रंग का कपड़ा क्यो पहनते-

बता दे कि लाल रंग को खुशी व प्यार का प्रतीक माना जाता हैं व इसे जीसस क्राइस्ट के खून का प्रतीक भी माना जाता हैं। यह रंग उनके द्वारा दूसरों के प्रति बेपनाह प्यार को दर्शाने के लिए हैं। जिससे वे मानवता का संदेश सुनना चाहते थे। यही वजह हैं कि इस खास दिन पर संता क्लॉज व लोग लाल रंग के कपड़े पहनते हैं।

तो वहीं दूसरी ओर एक दावा ये भी हैं कि इसका संबंध कोका-कोला की मार्केटिंग स्ट्रैटेजी से हैं। बता दे कि 1930 में डी आर्की विज्ञापन एजेंसी ने एक आम आदमी को सांता बनाया व उसे लाल कपड़ो में दिखाया। ये ऐड काफी प्रसिद्ध हुआ व लोगो के बीच इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनने का चयन शुरू हो गया हैं।

तो वहीं लाल रंग को ग्रीक बिशप संत निकोलस से भी जोड़कर देखा जाता हैं। दरअसल, संत निकोलस गरीबों को व बच्चों को लाल रंग के कपड़े पहनकर गिफ्ट्स दिया करते थे। यही वजह हैं कि सांता क्लॉज भी लाल रंग के कपड़े पहनकर ऐसा करता हैं।

इसके अलावा लाल रंग के कपड़े पहनने पर एक बात ये भी कही जाती हैं कि 1823 में क्लेमेंट मार्क मूर नाम के एक कवि ने ए विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस शीर्षक से एक कविता लिखी व उन्होंने इस कविता के आधार पर ही लाल कपड़े वाले सांता की कल्पना की हैं। इस दिन को लेकर लाल रंग का कोई स्पष्ट इतिहास नहीं हैं लेकिन क्रिसमस के अवसर पर लाल रंग हमें खुशी पर, लाल रंग हमें खुशी, प्यार व सांता के आदर्शो का स्मरण कराता हैं।