भारत के नए CJI की घोषणा हो गयी हैं। इसके लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस डीवी चंद्रचूड़ का नाम Chandrachud (सीजेआई चंद्रचूड़) के नाम की घोषणा करी हैं। 30 सितंबर को कॉलेजियम की एक बैठक होनी थी मगर उस दिन तकरीबन 9.30 बजे रात तक चंद्रचूड़ सुनवाई करते रहे जिसकी वजह से बैठक पूरी नहीं हो पायी थी। लेकिन आज वर्तमान सीजेआई यूयू ललित ने अपने उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी हैं। जस्टिस चंद्रचुड़ द्वारा दिए गए फैसले हमेशा से भारत के कानून के इतिहास में याद किए जाएगे। उन्होनेउन्होंने ट्वीन टावर, राम मंदिर सहित कई बड़े मामलों में फैसले सुनाए हैं।

अगस्त 2022 में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण रिटायर हुए तो जस्टिस यूयू ललित ने कमान संभाली थी। यूयू ललित को सीजेआई बने हुए मात्र तीन महीने ही हुए हैं अब सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की घोषणा कर दी गयी हैं। इनके पिता सबसे लम्बे समय तक चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के पद पर रहे थे।

जस्टिस चन्द्रचूड़ का करियर-

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चन्द्रचुड़ द्वारा लिए गए कुछ अहम फैसले हैं जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। 29 मार्च 2000 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उसके बाद उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। तथा इसके बाद 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज का पदभार संभाला था।

जस्टिस चन्द्रचूड़ द्वारा लिए गए फैसले-

  • सबसे अहम मामला अयोध्या केस था।
  • 28 अगस्त 2022 को नोएडा का ट्विन टावर गिराया गया हैं।
  • केरल में अखिला अशोकन उर्फ हादिया (25) ने शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से 2016 में शादी की थी। लड़की के पिता का आरोप था कि यह लव जिहाद का मामला था। केरल हाईकोर्ट ने इस मामले में शादी को रद्द कर दिया था मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को ही पलट कर रख दिया हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट ने अविवाहिता को भी अबॉर्शन का अधिकार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक हैं।