Diwali Rocekt 2022 : दिवाली के दिन हर कोई रॉकेट जलाता हैं। लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया कि रॉकेट जलाते समय नीचे से ऊपर क्यो जाता हैं नहीं तो चलिए आज हम आपको बताते हैं इसके बारे में बताते हैं कि आखिर क्यो रॉकेट जलाने पर ऊपर की तरफ जाता हैं। इसका भी अपना एक अलग विज्ञान होता हैं। आज हम आपको रॉकेट के बारे में बताते हैं इसके लम्बी उड़ान भरने के पीछे क्या विज्ञान हैं।

कैसे रॉकेट ऊपर की तरफ जाता हैं-

आपको बता दे कि रॉकेट में भी बारूद का प्रयोग किया जाता हैं लेकिन इसको भरने का तरीका एकदम अलग होता हैं। यही वजह हैं कि रॉकेट ऊपर जाता हैं और ऊपर जाकर ब्लाट हो जाता हैं। नहीं पता तो आज हम आपको इसके पीछे का विज्ञान बताते हैं। आपको बता दे कि ये रॉकेट की बनावट की वजह से होता हैं क्योकि जब भी रॉकेट बनाया जाता है तो इसका सबसे ऊपरी हिस्‍सा नली के आकार का रखा जाता हैं। कभी भी पूरी तरह से रॉकेट में बारूद नहीं भरा जाता हैं। इसके कुछ हिस्सो में बारूद भरी जाती हैं और बाकी हिस्सो को खाली छोड़ दिया जाता हैं। जो हिस्सा खाली रहता हैं उसके निचले भाग में बारूद भरा जाता हैं। और यही से एक कागज की धागेनुमा सरंचना बनी होती हैं। जिसमें आग लगाई जाती हैं।

रॉकेट के खाली जगह में गरमाहट की वजह से इतनी ज्यादा गैस भर जाती हैं कि उसपर दवाब बढ़ता हैं यदि दबाव के वजह से रॉकेट प्रेशर बनाता है. नतीजा, रॉकेट का ऊपरी सिरा जिस तरफ होता है वह उधर की तरफ ही आगे बढ़ता हैं और जैसे-जैसे प्रेशर बढ़ता जाता हैं रॉकेट ऊपर जाकर फट जाता हैं। और आसमान में रंग-बिरंगे रंगो में बिखर जाता हैं। ये रंग बिरंगा इसलिए होता हैं क्योकि इसको बनाने में अलग-अलग प्रकार के कैमिकल का प्रयोग किया जाता हैं।