IAS Training Process:भारत में सबसे ज्यादा यदि किसी पद पर लोग नौकरी करना चाहते हैं तो वो हैं IAS का पद इस पद पर नौकरी के लिए अभ्यार्थी ना जाने कितने वर्षो तक जी-जान लगाकर तैयारी करते हैं। उसके बाद उन अभ्यार्थियों का चयन होता हैं। जिसके लिए उनको लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से होकर गुजरने के बाद लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में जाते हैं। जहाँ पर उनको ट्रेनिंग मिलती हैं। लेकिन अब इसकी राह में थोड़ा बदलाव होने वाला हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी IAS बनना चाहते हैं तो आपको अब गाँवो में समय बिताना होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने संसद में एक रिपोर्ट पेश की हैं।

बता दे कि संसद के शीतकालीन सत्र में ये रिपोर्ट पेश की गई हैं। जिसे कार्मिक विभाग के अनुदान की मांग के संबंध में समिति की 112वीं रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। संसदीय समिति को इसके बारे में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) ने सूचित किया हैं। इसमें कहा गया कि आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी यानी LBSNAA डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग फेज के दौरान Village Stay Module को 3 सप्ताह करने के विकल्प तलाश रही है। यानि यूपीएससी एग्जाम पास करने के बाद IAS ट्रेनिंग के लिए जाने वाले कैंडिडेट्स को अपने प्रशिक्षण के दौरान 3 सप्ताह गांवों और रिमोट क्षेत्रों में बिताना होगा। अभी तो फिलहाल सिर्फ 1 सप्ताह ही बिताना होता हैं।

IAS Training Village Stay मॉड्यूल-

UPSC Civil Services पास करने के बाद आईएएस कैंडिडेट्स को 53 सप्ताह की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें से एक सप्ताह उन्हें आदिवासी क्षेत्रों, दूर गांवों और दुर्गम इलाकों में रहना होता है। इस दौरान ट्रेनी आईएएस ऑफिसर उन गांवों में काम करने वाली संस्थाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, ANM, सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, शिक्षक व अन्य लोगों से बातचीत करते हैं।

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि Trainee IAS Officers जमीनी स्तर के कामकाज को समझ सकें. उन गावंवालों और मुश्किल परिस्थितियों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली, उनकी परेशानियों के बारे में जान सके।