2 सितंबर का दिन होगा भारत के लिए बेहद खास पीएम मोदी की मौजूदगी में होगा ये काम

भारत के लिए 2 सिंतबर का दिन काफी खास साबित होने वाला हैं, इस दिन भारतीय नौसेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ने वाली हैं और ये सब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में होगा।
Education News: भारत के लिए 2 सिंतबर 2022 का दिन बेहद ही खास होगा। क्योकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर को देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर IAC विक्रांत को नौसेना में शामिल करेंगे। चीन शिपयार्ड लिमिटेड के अंदर ये विमान वाहक पोत भारतीय नौसेना में शामिल होगा। इस विमान के भारत में शामिल होने से भारत की ताकत और भी अधिक बढ़ जाएगी। यह कई खूबियों से लैस होने के साथ-साथ ये और भी मायनों में भारत की युद्धक क्षमता को बढ़ा देगा।
आईएसी विक्रांत 45 हजार टन का एयरक्राफ्ट करियर है। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक के ताकतवर टरबाइन लगे हैं। जो इसे 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं। भारत में अमेरिका से आया मल्टीरोल MH-60R हेलिकॉप्टर भी तैनात किया जा सकता है. MH-60R को रोमियो हेलिकॉप्टर भी बुलाते हैं. कुल मिलाकर इस पर 30 विमान तैनात हैं। इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक फोर्स की रेंज 1500 किलोमीटर हैं। इसमें एक दिन में 5000 लोगो का खाना बनाया जा सकता हैं।
आईएसी विक्रांत एक बार में 15 हजार KM की यात्रा कर सकता है। इसमें एक बार में 196 नौसेना अधिकारी और 1149 सेलर्स और एयरक्रू रह सकते हैं। इस जहाज को बनाने की शुरूआत 2009 मे की गयी थी। इसमें 75 फीसदी स्वदेशी चीजे शामिल हैं। तथा इसकी लागत 20 करोड़ हैं।
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) में 4 ओटोब्रेडा (Otobreda) 76 mm की ड्यूल पर्पज कैनन लगे हैं।भविष्य में इसमें दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल (BrahMos Missile) को भी तैनात करने की योजना है। प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी है। इसके आने से भारत की ताकत और बढ़ जाएगी।
इस युद्धपोत पर किसी भी समय 1500 से 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे. हमारे पास तीन गैली है, जो मिलकर दिनभर में 5000 मील्स बना सकते हैं । ये बिना रूके 20 घंटो तक काम कर सकती हैं।
आईएसी विक्रांत (IAC Vikrant) को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) ने बनाया है। 1971 के युद्ध में इसी नाम के युद्धपोत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसी के सम्मान में इसका नाम आईएसी विक्रांत रखा गया हैं।