Education News: भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर झंडा रोहण प्रधानमंत्री जी द्वारा किया जाता हैं। इस साल भी भारत के 75वें आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले पर 9वीं बार ध्वजारोहण किया हैं। और देशवासियों को संबोधित किया। इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अभीतक का सबसे लम्बे समय तक दिया गया भाषण हैं। उन्होने लालकिले पर से इस बार 5 प्रण भी लिया।

देश के वो प्रधामंत्री जिन्होने लाल किले पर झंडा नहीं फहराया-

आजाद भारत के इतिहास में दो प्रधानमंत्री ऐसे भी हुए जिन्हें लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ। क्योकि ये बहुत-ही कम समय के लिए देश के प्रधानमंत्री बन पाए थे। और इनकी सरकार एक साल तक भी नहीं सत्ता में रह पायी थी।

गुलजारी लाल नंदा-

गुलजारी लाल नंदा भारत के दो बार प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन इसके बार भी उन्हें लाल किले पर झंडा फहराने का सौभाग्य नहीं मिला। पहली बार वो 27 मई से लेकर 9 जून 1964 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। तो वही दूसरी बार 11 जनवरी से 24 जनवरी 1966 तक वो देश के प्रधानमंत्री रहे थे। ये भले ही भारत के दो बार प्रधानमंत्री बने हो लेकिन दोनो बार वो 13-13 दिन तक ही प्रधानमंत्री बने रहे।

गुलजारी लाल नंदा दो बार तभी देश के प्रधानमंत्री बने जब उस समय के वर्तमान प्रधानमंत्रियों का निधन हो गया था। और जबतक प्रधानमंत्री का कार्यभार किसी दूसरे प्रधानमंत्री ने नहीं संभाला था। पहली बार वो पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन पर कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने थे। तो वही दूसरी बार उन्हें लाल बहादुर शास्त्री के देहांत के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाया गया।

चंद्रशेखर-

दूसरे भारत के प्रधानमंत्री जिनको लाल किले पर झंडा फहराने का अवसर नहीं प्राप्त हुआ था। उनका नाम चन्द्रशेखर हैं। 10 नवंबर 1990 से लेकर 21 जून 1991 तक देश के प्रधानमंत्री बने रहे थे। लेकिन उनके कार्यकाल के समय तक अगस्त का महीना नहीं आया था। इसलिए वो लाल किले पर झंडा फहराने में चूक गए थे।