अमेरिका ने भारत को लौटाई 300 से भी अधिक ऐतिहासिक मूर्तियाँ, जानिए इनकी कीमत
Knowledge : अमेरिका द्वारा 15 साल की जाँच के बाद ऐतिहासिक महत्व की कई चीजों समेत 307 प्राचीन वस्तुओं को भारत को लौटा दी गयी हैं। इन सबकी कीमत करोड़ो में हैं। इन मूर्तियों को चुराकर या तरस्करी करके भारत से बाहर ले जाया गया था। इन सबकी कीमत 40 लाख डॉलर हैं जिसकी भारतीय करेंसी में कीमत 32.93 करोड़ हैं।
सूत्रो कि माने तो इनमें से अधिकतर चीजे कुख्यात व्यापारी सुभाष कपूर के पास से बरामद की गयी थी। वीनर (Wiener) से लौटाई जा रही प्राचीन वस्तुओं में से गरुण के साथ विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा है, जो 11वीं शताब्दी ईस्वी की बताई जा रही हैं। तथा इसके साथ ही 2022 में, जिला अटॉर्नी कार्यालय ने 682 पुरावशेष लौटाए हैं, जिनकी कीमत 84 मिलियन अमेरिकी डालर से ज्यादा हैं।
सोमवार को मैनहट्टन जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने भारत को करीब 40 लाख अमेरिकी डॉलर की 307 प्राचीन वस्तुएं लौटाने की घोषणा की हैं। ब्रैग ने बताया कि इनमें से 235 वस्तुओं को मैनहट्टन जिला अटॉर्नी के कार्यालय द्वारा कपूर के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान पकड़ी गयी थी। जिला अटॉर्नी एल्विन ब्रैग ने कहा, "इन प्राचीन वस्तुओं को तस्करों के गिरोहों ने कई स्थानों से चोरी की हैं। उन्होंने कहा, "हमें भारत के लोगों को ये सैकड़ों वस्तुएं लौटाने पर गर्व है।" इन गिरोह के सरगनाओं ने वस्तुओं के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व के प्रति किसी प्रकार का सम्मान नहीं दिखाया हैं।
भारत के महावाणिज्य दूत रणधीर जायसवाल और अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग के इंवेस्टिगेशन एक्टिंग डिप्टी स्पेशल एजेंट-इन-चार्ज क्रिस्टोफर लाउ ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
पीएम मोदी को अमेरिका के दौरे पर लौटाई गई वस्तुए-
आपको बता दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान पिछले साल भी अमेरिका ने 157 प्राचीन वस्तुऐं लौटाई थी। पिछले साल, अमेरिका ने भारत को अनुमानित 1.23 अरब रुपये यानी 15 मिलियन डालर मूल्य की 248 प्राचीन वस्तुएं लौटाई थीं।
सुभाष कपूर के खिलाफ वारेंट-
सुभाष कपूर 2012 से भारत की जेल में बंद हैं। सुभाष कपूर "अफगानिस्तान, कंबोडिया, भारत, इंडोनेशिया, म्यांमा, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड और अन्य देशों से वस्तुओं की तस्करी करने का काम करता हैं। जिला अटॉर्नी (DA) के कार्यालय ने 2012 में सुभाष कपूर के गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया गया था। नवंबर 2019 में, कपूर और उनके सात सह-प्रतिवादियों को चोरी की प्राचीन चीजों की तस्करी की साजिश के चलते गिरफ्तार किया गया तथा 2020 में प्रत्यर्पण पर कागजी कार्रवाई दायर की गयी थी।