पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से हुआ बाहर, जानिए क्या हैं, FATF की ग्रे लिस्ट
FATF Grey List Countries : पाकिस्तान का नाम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर हो गया हैं। पाकिस्तान का नाम साल 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल कर दिया था क्योकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को वित्तपोषण पर रोक लगाने में फेल रहने के बाद शामिल किया गया हैं। चार साल बाद पाकिस्तान के इस लिस्ट से बाहर आ जाना एक अच्छी खबर हैं। इस लिस्ट से बाहर हो जाने की वजह से पाकिस्तान के विदेशी मदद के रास्ते थोड़े बहुत साफ हो गए हैं। और दूसरे देश इसपर थोड़ा विश्वास कर सकते हैं।
एफएटीएफ ग्रे लिस्ट क्या हैं-
ये एक अंतराष्ट्रीय संस्था हैं। एफएटीएफ की स्थापना साल 1989 में की गयी थी। इसका काम हैं मनी लॉन्ड्रिंग और टैरर फंडिंग जैसे वित्तीय मामलों में दखल देते हुए तमाम देशों के लिए गाइडलाइन तय करना इसके साथ ही साथ ही वित्तीय वित्तीय अपराधों को बढ़ावा देने वाले देशों पर लगाम कसी जाती हैं। इस संस्था की ओर से ग्रे लिस्ट जारी की जाती हैं। इस ग्रे लिस्ट में उन देशों के नाम शामिल किया जाता हैं, जिन्हें FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर जांच की निगरानी में रखा हैं।
कितने देश एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल हैं-
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में अल्बानिया, फासो, कंबोडिया, बारबाडोस, बुर्किना,जमैका, जॉर्डन, माली, मोरक्को, म्यांमार, फिलीपींस, दक्षिण सूडान, सीरिया, तुर्की, युगांडा देश शामिल हैं। इसमें पहले पाकिस्तान भी शामिल था। लेकिन अब वो इस लिस्ट से बाहर आ चुका हैं। इन देशो के ग्रे लिस्ट में शामिल होने का मतलब हैं। कि उस देश के साथ लेन-देन में जोखिम है और जोखिम बढ़ भी सकता है। फिर उस देश को IMF और विश्व बैंक जैसे संगठनों से लेन-देन में दिक्कत होने के साथ ही दुनिया में कहीं से भी लोन लेने में परेशानी होती हैं।