Hijab Row : इस समय दुनिया भर में हिजाब को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा हैं। इसी पर कल सुप्रीम कोर्ट में दो जजों के बीच इस मामले को लेकर सुनवाई की गयी हैं। दो जजों की बेंच द्वारा सुनाए गए फैसले को स्प्लिट वर्डिक्ट कहा गया है। आसान भाषा में समझें तो किसी फैसले पर जजों की राय का बंट जाना ही स्प्लिट वर्डिक्ट कहलाता है।

आपको बता दे कि बेंच के पहले जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को रद करने को कहा हैं। तो वहीं दूसरे जज हेमंत गुप्ता ने हिजाब पर बैन बनाए रखने को अपनी मंजूरी दी है।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट के जजो ने-

हिजाब मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस हेमंत गुप्ता ने 136 पेज और जस्टिस धूलिया ने 73 पेज के अलग-अलग फैसले लिखे हैं। जिसमें जस्टिस हेमंत गुप्ता का कहना है कि इस मामले में धर्मनिरपेक्षता को समझने की जरूरत है तथा धर्मनिरपेक्षता से जुड़े मामले में धर्म का अतिक्रमण स्वीकार नहीं किया जा सकता हैं। तो वहीं दूसरी तरफ जस्टिस धूलिया ने इस मामले पर अपना अलग राय व्यक्त की हैं, उन्होंने अपने फैसले में लिखा है कि स्कूलों में अनुशासन अनिवार्य है, लेकिन इंसान की आजादी की कीमत पर इसे पाना ठीक नहीं हैं। कॉलेज या स्कूल के गेट पर छात्रा से हिजाब उतारने को कहना ठीक नहीं हैं। यह उनकी निजता का हनन माना जा सकता हैं।

तो वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही नए सिरे से इस मामले की सुनवाई की जाएगी। तथा इस बार बेंच में जजों की संख्या ज्यादा होगी। यानी या तो 3 जज होंगे या 5 हैं। तथा इसके साथ ही इस मामले पर अब सुनवाई लम्बी चल सकती हैं।