Lathmar Holi 2023 : आपने अक्सर देखा होगा कि ब्रज में होली काफी धूमधाम से मनाया जाता हैं। यहाँ पर होली की शुरूआत कई हफ्ते पहले ही हो जाती हैं। यहाँ की होली को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ब्रज की होली काफी खास होती हैं। यहाँ कभी लड्डू मार होली होती हैं। तो कभी लट्ठ मार होली होती हैं। दोनो ही प्रकार की होली देश, दुनिया में काफी प्रसिद्ध हैं। इस रिवाज के अनुसार महिलाओं द्वारा पुरूषो को पीटा जाता हैं।

पुरूषो को पीटने का एक और रिवाज राजस्थान में हैं। यहाँ पर भी औरते होली के अवसर पर पुरूषों को पीटती हैं। इसे कोड़ा मार होली कहते हैं। इस दिन लोग पूरे आयोजन को बड़े धूम-धाम से सेलिब्रेट करते हैं।

ब्रज में लट्ठमार होली कब खेली जाती-

बरसाना में लट्ठमार होली फाल्गुन मास की शुल्क पक्ष की नवमी तिथि को हर साल मनाई जाती हैं। मान्यता हैं कि बरसाने की महिलाओं की लाठी जिसके सर में छू जाए वह सौभाग्यशाली माना जाता हैं। अगर आप भी राधा कृष्ण की नगरी में होली उत्सव पर रंगो से सराबोर होने की इच्छा रखते हैं। तो यहाँ आकर आपको लट्ठमार होली का आनंद जरूर लेना चाहिए। ब्रज में होली का त्यौहार 40 दिनो तक चलता हैं।

लट्ठमार होली का इतिहास-

बरसाना की लट्ठमार होली भगवान कृष्ण के काल में उनके द्वारा शुरू की गई लीलाओं का एक हिस्सा हैं। माना जाता हैं कि श्री कृष्ण अपने सखाओं के साथ कमर में फेंटा लगाकर राधा रानी व उनकी सखियों के साथ होली खेलने बरसाने जाया करते थे। उनकी इन्ही हरकतो से परेशान होकर उन्हें सबक सिखाने के लिए राधा रानी व उनकी सखियों ने उन पर डंडे बरसाने लगी। उनकी मार से बचने के लिए भगवान श्रीकृष्ण व उनके मित्र लाठी व ढ़ालो का उपयोग किया करते थे। जो धीरे-धीरे होली की परंपराऐं बन गई हैं। ये पूरा दृष्य देखने में काफी खूबसूरत लगता है।