पढ़ाई के साथ यदि आप जॉब करना चाहते हैं,तो ये हैं, आपके लिए एक सुनहरा मौका
Delhi University; दिल्ली विश्वविद्यालय जहाँ शताब्दी वर्ष मना रहा हैं, डीयू के कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग का एक निकाय स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग ऐसा संस्थान है, जिसका 60वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा हैं। इसमें आप पढ़ाई के साथ जॉब भी कर सकते हैं।
The School of Open Learning; यदि आप पढ़ाई के साथ-साथ जॉब करना चाहते हैं,तो एसओएल आपके लिए हैं, बेहतर विकल्प, दिल्ली विश्वविद्यालय ने अभी कुछ दिन पहले ही बनाया अपना शताब्दी वर्ष तो वहीं इससे संबद्ध स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग भी 5 मई को अपनी स्थापना का 60वां वर्ष मनाने जा रहा है।
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नौकरी के साथ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह शिक्षा का एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आया हैं। है। आपको बता दे कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग का एक निकाय स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग ऐसा संस्थान है, जो इग्नू से काफी पहले से डिस्टेंस लर्निंग की पढ़ाई करा रहा है। हर वर्ष यहां लगभग एक लाख विद्यार्थी विभिन्न कोर्स में दाखिला लेते हैं। संस्थान में डीयू के रेग्यूलर कोर्सेस से ज्यादा बच्चे एडमिशन इसमें लेते हैं।
एसओएल से पढ़ने वालों में कई नामी लोग शामिल हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी एसओएल के पूर्व छात्र हैं। इसके अलावा खेल, व्यवसाय, प्रशासनिक क्षेत्र में भी यहां से कई छात्र पढ़कर गए हैं। इस संस्थान की शुरूआत 900 छात्रों से हुआ था और वर्तमान में यहां 5 लाख विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।
स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग ने डीयू के रेगुलर कोर्स की तरह ही अपने यहां च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम स्नातक में लागू किया है। एसओएल में आज यहाँ 9 हजार लेक्चर ऑनलाइन हैं। है। यहाँ पर ऑनलाइन स्टडी मैटेरियल, माइक्रोसॉफ्ट टीम की सहायता से सुरक्षित वातावरण में कक्षाओं का संचालन किया जाता है।
डीयू स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के कैंपस का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसको पहले स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस कोर्स एंड कंटिन्यूइंग एजुकेशन के नाम से जाना जाता था। सन् 1962 में दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत इसकी स्थापना की गयी थी। जिसमें पहले 900 छात्र थे लेकिन 2006-07 के बाद 2 लाख से ज्यादा छात्रो को नामांकित किया गया हैं। इसकी परीक्षाऐं भी दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित करायी जाती है। इन छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय डिग्री प्रदान करता है।
डीयू में विगत दिनों एसओएल को लेकर पास हुए प्रस्ताव में पीएचडी छोड़ कई ऐसे अन्य प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है, जिसमें दिल्ली और इसके बाहर के विद्यार्थी दाखिला ले सकेंगे। इसमें बीए इकोनामिक्स, बीए बीएससी गणित, एमबीए बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए), बीएमएस, बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस, मास्टर इन लाइब्रेरी साइंसेज
- तो वही डिप्लोमा के लिए एक वर्षीय पत्रकारिता (हिंदी या अग्रेजी)
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