Artificial Intelligence Technology : दुनिया में बहुत-से ऐसे इंसान हैं, जो जानवरो से बाते करना चाहता हैं। यदि आप ऐसा करने की चाह रखते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं। तो वहीं सेना और पुलिस में भी जानवरों को ट्रेंड किया जाता है और फिर वे कमांड सुन कर आदेश का पालन करते हैं। लेकिन अब ऐसी तकनीकि का प्रयोग किया जाएगा जिसके जरिए इंसान हाथी, मधुमक्खी व अन्य जानवरो की भाषा को समझ सकेगे। आपने अक्सर ऐसा देखा होगा कि जानवर इंसानो की भाषा को समझ जाते हैं। लेकिन इंसान उनकी भाषा को नहीं समझते हैं।

क्या हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक-

आपको बता दे कि वैज्ञानिक AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हाथी, मधुमक्खी और व्हेल मछली से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि AI की मदद से हम जंगली जानवरों से बात कर सकते हैं। theswaddle की रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी में एक रिसर्च टीम ने गैर-इंसानी आवाज को डिकोड करने में कामयाबी पायी हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की प्रोफेसर कैरन बैकर के अनुसार, वैज्ञानिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से हाथियों की लो-फ्रीक्वेंसी आवाज को पहचान रहे हैं। प्रोफेसर के मुताबिक इस तकनीकि के जरिए इंसान जानवरो से बात किया जा सकता हैं।

अक्टूबर 2021 में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने व्हेल से बात करने के लिए प्रोजेक्ट CETI लॉन्च किया जा सकता हैं। इस प्रोजेक्ट के जरिये इंसानी भाषा को व्हेल्स की भाषा से रिलेट किया गया। ये प्रोजेक्ट 5 सालो तक चला इसके बाद एक रोबोट बनाकर समुद्र में व्हेल से बात करने के लिए छोड़ दिया गया।

चार साल पहले 2018 में जर्मनी की डेहलम सेंटर फॉर मशीन लर्निंग एंड रोबोटिक्स ने एक रोबो-बी यानी रोबोटिक मधुमक्खी बनाई थी। और जिसको मधुमक्खियों के बीच छोड़ा दिया गया था। और ये प्रोजेक्ट सफल भी रहा था। क्योकि अन्य मधुमक्खियो ने इसे फॉलो किया था।

जानवरों से बात करने वाली एआई तकनीक को भविष्य में रोबोट्स में लगाया जाएगा। दो प्रजाति के बीच कम्यूनिकेशन संभव हैं। इस तकनीकी का जहाँ फायदा हैं, तो वहीं इस तकनीकी से नुकसान भी हैं। तकनीक की मदद से इंसानी दिमाग में जंगली जानवरों को गलत तरीके से कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं।