Independence Day: भारत इस साल अपनी आजादी का 75वाँ अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotshav) मना रहा हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं, कि ये आजादी हमें कितनी अत्याचारो, अन्याय तथा बलिदान देने के बाद मिली हैं। आज हम अगर इस आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। तो ये हमारे स्वतंत्रता सेनानियों व पूर्वजो की देन हैं। इसके लिए उनको जितना शुक्रिया बोले उतना ही कम होगा। लेकिन क्या आपको पता हैं,कि अंग्रेजो ने हमारे ऊपर 200 सालो तक राज किया था। और इन दो सौ सालो में सोने का चिड़ियाँ कहे जाने वाले भारत को कितना लूटा था।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक ने बताया अंग्रेजो द्वारा लूटी हुई रकम-

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री उत्सा पटनायक ने 2018 में भारत को अंग्रेजो द्वारा लूटने का ब्यौरा दिया। औपनिवेशिक भारत और ब्रिटेन के बीच राजकोषीय संबंधों पर शोध करने वाले पटनायक ने अपने निबंधो में बताया हैं, कि अंग्रेजो ने 1765 से 1938 तक अंग्रेजों ने कुल 9.2 ट्रिलियन पाउंड तक का खजाना लूटा हैं। इस समय इसकी कीमत 45 ट्रिलियन डॉलर हैं। भारतीय करेंसी के अनुसार करीब तीन हजार लाख करोड़ रुपये की संपत्ति लूटी हैं। ये रकम यूनाईटेड किंगडम की GDP से 17 गुना ज्यादा हैं। 1847 में उन्होंने टैक्स एंड बाय सिस्टम लागू किया था। भारत से व्यापार करने वालों को खास काउंसिल बिल का इस्तेमाल किया था। अंग्रेज भारतीय सामान ब्रिटेन ले जाकर उसे दूसरे देशों को महंगे दामों पर बेच दिया करते थे।

अंग्रेजो के लूटने की वजर से प्रति व्यक्ति आय बढ़ती हैं-

अंग्रेजो के द्वारा लगातार लूटने से प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ती चली गयी। साल 1900-02 के बीच भारत की प्रति व्यक्ति आय 196.1 रुपये थी, जो साल 1945-46 में मात्र 201.9 रुपये पहुंची थी। औपनिवेशिक युग में भारत की अधिकांश विदेशी मुद्रा आय सीधे लंदन में चली गई थी। 1911 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा दर 22 साल थी। खाद्यान्न की प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत 1900 में 200 किग्रा से घटकर द्वितीय विश्व युद्ध की पूर्व संध्या पर 157 किग्रा हो गई थी और 1946 तक गिरकर 137 किग्रा तक हो गयी थी।