Royal Golden Award 2022- भारतीय वास्तुकार बालकृष्ण दोशी को रॉयल गोल्ड मेडल 2022' प्रदान किया जाएगा। जो वास्तुकला के लिए दुनिया के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है। रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स (आरआईबीए) ने यह घोषणा की। रॉयल गोल्ड मेडल को व्यक्तिगत रूप से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा अनुमोदित किया जाता है। और ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता हैं। जिन्होने वास्तुकला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो।

Architect Balkrihna Doshi Won Royal Golden Award 2022-

आरआईबीए ने ये अवार्ड बालकृष्ण दोशी को देते हुए कहा कि- 70 साल के करियर और 100 से अधिक निर्मित परियोजनाओं के साथ 94 वर्षीय बालकृष्ण दोशी ने अपने अभ्यास और अपने शिक्षण दोनों के माध्यम से भारत और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वास्तुकला की दिशा को प्रभावित किया है और उनकी इमारतों में भारत की वास्तुकला, जलवायु, स्थानीय संस्कृति और शिल्प की परंपराओं की गहरी छाप के साथ आधुनिकतावाद का भी संगम दिखाई देता हैं। इसके साथ ही साथ दोशी जी की परियोजनाओं में प्रशासनिक और सांस्कृतिक सुविधाएं, आवास विकास और आवासीय भवन शामिल हैं। वह अपने दूरदर्शी शहरी नियोजन और सामाजिक आवास परियोजनाओं के साथ-साथ भारत में और विश्व भर के विश्वविद्यालयों में एक अतिथि प्राध्यापक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में अपने काम के लिए विश्व स्तर पर जाने जाते हैं।

बालकृष्ण दोशी ने ये अवार्ड जीतने के बाद कहा कि, ''मैं आश्चर्यचकित हूं और इंग्लैंड की महारानी से 'रॉयल गोल्ड मेडल' प्राप्त करने की बात से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है।''उन्होंने कहा, ''पुरस्कार मिलने की खबर ने 1953 में ले कॉर्बूजियर के साथ काम करने के दिनों की मेरी यादें को ताजा कर दिया हैं। जब कॉर्बूजियर को रॉयल गोल्ड मेडल मिलने की खबर मिली थी। महारानी से सम्मान प्राप्त करने को लेकर उनका उत्साह मुझे अभी भी अच्छे से याद है।"

दोशी ने कहा, ''आज, छह दशक बाद, मैं अपने गुरु ले कॉर्बूजियर के समान इस पुरस्कार से सम्मानित होकर वास्तव में अभिभूत महसूस कर रहा हूं। यह मेरे छह दशकों के पयास का सम्मान है। मैं अपनी पत्नी, अपनी बेटियों और सबसे महत्वपूर्ण मेरी टीम और संगत माय स्टूडियो के सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।

बालकृष्ण दोशी जी को ये अवार्ड मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी उन्हें बधाई दी हैं। और कहा कि वास्तुकला की दुनिया में उनका बहुत बड़ा योगदान है।