Indian Railway: भारतीयो के लिए एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए यदि सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाने वाला कोई परिवहन हैं तो वो हैं ट्रेन हैं। जो कि आम जनता के लिए उनके बजट में और सबसे सुखद यात्रा कराने के लिए प्रचल्लित हैं। ऐसा नहीं है कि हर एक ट्रेन की टिकट सस्ती ही होती हैं। किसी-किसी ट्रेन की टिकट तो बहुत महंगी होती हैं। इतने में आप हवाईजहाज में यात्रा कर सकते हैं। तो वहीं ट्रेन की यात्रा करने के लिए टिकट लेना अनिवार्य हैं। यदि को ट्रेन की टिकट के बिना यात्रा करता हैं तो उसको टीईटी द्वारा सजा दी जाती हैं। टीईटी के डर की वजह से ही ज्यादातर यात्री टिकट लेकर यात्रा करते हैं। यदि ट्रेन में टीईटी ना हो तो ज्यादातर लोग बिना टिकट लिए ही यात्रा करे। लेकिन क्या आपको पता हैं कि भारत में एक ऐसी ट्रेन हैं, जिसमें टीईटी नहीं हैं। और 75 सालो से लोग इस ट्रेन में फ्री में सफर करते आ रहे हैं। नहीं पता तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैंं।

भारत में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान 1836 से ही ट्रेन की शुरूआत हुई हैं। कुल मिलाकर भारत में ट्रेन का इतिहास 186 साल पुराना हैं। 68 हजार किलोमीटर से भी ज्यादा लंबे ट्रैक, 13200 के करीब पैसेंजर ट्रेनों और 7325 स्टेशन के साथ भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे ट्रैक हैं। लेकिन भारत की ये ट्रेन 75 सालो से चल रही हैं। और इसमें यात्री फ्री में यात्रा करते हैं।

पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर भाखड़ा और नंगल के बीच भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (Bhakra Byas Management Board) की तरफ से चलाई और मैनेज की जाती हैं। यही वजह हैं कि इसका नाम भाखड़ा-नागल हैं। ये ट्रेन सतलुज नदी और शिवालिक पहाड़‍ियों से होते हुए 13 किलोमीटर की दूरी तय करता हैं। इसमें सफर करने वालो से किसी प्रकार का किराया नहीं लिया जाता हैं। इस ट्रेन की शुरूआत 1948 में की गई थी। इस ट्रेन की एक खास बात यह भी है कि इसके कोच लकड़ी के बने हुए हैं। पहले इसमें 10 कोच होते थे। लेकिन अब 3 हैं। पहले ये स्टीम से चलती थी। लेकिन अब डीजल से चलती हैं।