IPS Training : भारत में सबसे ज्यादा युवाओं को यदि कोई नौकरी आकर्षित करती हैं। तो वो हैं IAS, IPS की जिसके लिए ना जाने कितने सालो की मेहनत लगती हैं। तब कही जाकर सफलता मिलती हैं। आईएस के लिए देशभर में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षाओं का आयोजन कराया जाता हैं। इसके लिए उम्मीदवारो को तीन श्रेणियों से गुजरना होता हैं। जिसमें प्रिलिम्स, मेंस, इंटरव्यू इसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन व कई पदों पर फिजिकल टेस्ट होता हैं।

भारतीय पुलिस सेवा (IPS Full Form) की स्थापना 1948 में हुई थी। आईपीएस अधिकारियों का कैडर रेगुलेट करने की जिम्मेदारी गृह मंत्रालय को सौंपी गई थी। वर्तमान में (2011 की गणना के अनुसार) आईपीएस अधिकारियों के तकरीबन 4730 कैडर हैं। आईपीएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा देना जरूरी हैं। (UPSC Exam) होता हैं। जिसके लिए हर साल विभाग द्वारा भर्ती जारी की जाती हैं।

कैसे होती हैं IPS की ट्रेनिंग-

आईपीएस ट्रेनिंग को 4 भागों में बांटा गया हैं। फाउंडेशन कोर्स, फेज 1 ट्रेनिंग, डिस्ट्रिक्ट प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और फेज 2 ट्रेनिंग. इन चारो फेज की ट्रेनिंग लोकेशन भी अलग-अलग तय की गई हैं। फाउंडेशन कोर्स मसूरी में स्थित LBSNAA में होती हैं। यहाँ ऑल इंडिया सर्विसेज और सेंट्रल सर्विसेस (ग्रुप ए) के लिए नियुक्त अफसरो को प्रशिक्षण मिलता हैं। यह ट्रेनिंग 3 महीनो तक चलती हैं।

ट्रेनी आईपीएस अफसर अगले पड़ाव के लिए हैदराबाद में स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी जाते हैं। यहाँ आईपीएस ऑफिसर ट्रेनी का प्रीमियम संस्थान माना जाता हैं। यहाँ पर उनको 11 महीने कठिन परीक्षण दिया जाता हैं। SVPNPA में ट्रेनिंग पीरियड खत्म हो जाने के बाद इन ट्रेनी अफसरों को ड्यूटी निभाने के लिए अलॉट किए गए कैडर में भेज दिया जाता हैं।

हैदराबाद के SVNPA में 11 महीनों की ट्रेनिंग खत्म होने के बाद आईपीएस ऑफिसर ट्रेनी को 6 महीने तक अपने कैडर के किसी जिले में प्रशिक्षण हासिल करना होता हैं। LBSNAA व SVPNPA में जो सीखा होता हैं। अब उसे प्रैक्टिकली करके दिखाना होता हैं।

6 महीनों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के बाद ट्रेनी अफसर फिर से हैदराबाद में स्थित SVPNPA जाते हैं। यहाँ बचे 6 महीने बेसिक ट्रेनिंग दी जाती हैं। यह इनके प्रशिक्षण का दूसरा चरण हैं। जिसमें उनको प्रोफेशन और पर्सनल बिहेवियर, दोनो पहलुओं के आधार पर प्रशिक्षित किया जाता हैं। कोई भी ट्रेनी अफसर प्रशिक्षण के किसी भी चरण को मिस नहीं कर सकता हैं।

सभी अपसरो को जो ट्रेनिंग के लिए आए हैं कुछ विषय कंपल्सरी होते हैं। आउटडोर एक्टिविटी से ट्रेनी अफसर फिजिकली और मेंटली फिट रहते हैं। फिजिकल फिटनेस के लिए पीटी, जिम,रेस. स्पोर्ट्स. एथलेटिक्स) तैराकी, ड्रिल, घुड़सवारी, निहत्थे मुकाबला, फर्स्ट एड और एंबुलेंस ड्रिल, योग व फील्ड क्राफ्ट व मैप रीडिंग आदि इसके शामिल हैं। सांस्कृतिक क्रार्यक्रम भी अनिवार्य हैं।