Muslim Leaders In India : जबसे ब्रिटिश के पीएम ऋषि सुनक बन गए हैं तबसे भारत में एक अलग ही जंग छिड़ गयी हैं। विपक्ष के नेताओं द्वारा ये आरोप लगाया जा रहा हैं कि क्यो नहीं भारत का प्रधानमंत्री या मंत्री अल्पसंख्यक वर्ग का कोई प्रतिनिधि हैं। खासकर इन अल्पसंख्यक में मुस्लिम समाज के लोगो को निशाना बनाया गया हैं। सोशल मीडिया पर इसको लेकर अच्छी-खासी बहस भी छिड़ी हुई हैं। भारतीय राजनीति में अब मुस्लिम नेताओं की कमी हो रही है और अभी एक भी मुस्लिम मंत्री ना होने को लेकर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। लोगो द्वारा ये आरोप लगाए जाने पर विपक्ष का कहना हैं कि भारत में पहले कई सारे मुस्लिम मंत्री व राष्ट्रपति रह चुके हैं। चलिए आज हम आकड़ो से जानते हैं कि इस समय भारत में कुल कितने मुस्लिम प्रतिनिधि हैं।

भारत में कुल मुस्लिम प्रतिनिधि कितने हैं-

अभी तक सबसे ज्यादा साल 1980 में लोकसभा में मुस्लिम जनप्रतिनिधि पहुंचे थे जिनकी संख्या कुल 49 थी। उसके बाद 2014 में 23 सांसद तो वहीं 2019 में कुल 27 मुस्लिम उम्मीदवारों ने लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल की थी। 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 10 राज्य ऐसे हैं, जहां भारत की 80 फीसदी मुस्लिम आबादी हैं। जहाँ पर 281 मंत्री हैं। जिनमें से 16 मुस्लिम मंत्री हैं। ये संख्या जनसंख्या या मुस्लिम आबादी का एक-तिहाई भाग ही हैं। और प्रतिशत के हिसाब से देखें तो सिर्फ 5.7 फीसदी हैं। . इनमें चार राज्य असम, कर्नाटक, गुजरात और बिहार में बीजेपी की ओर से एक भी मुस्लिम जनप्रतिनिधि नहीं हैं।

2020 में देश में करीब 15 राज्य ऐसे थे, असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिसा, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं हैं तो वहीं 10 ऐसे राज्य हैं जहाँ पर 1-1 मुस्लिम मंत्री हैं। मुस्लिम मंत्रियों की सबसे ज्यादा संख्या केरल व पश्चिम बंगाल में हैं।

2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 233 कुल मुस्लिम विधायक हैं। जिसमें सबसे ज्यादा कांग्रेस के 76, टीएमसी के 32, लेफ्ट के 19, एसपी के 18, आईयूएमएल के 17, एआईएमआईएम के 14, एआईयूडीएफ के 12 और अन्य पार्टियों के 43 मुस्लिम विधायक हैं। तो वहीं सपा में 17 से 34 मुस्लिम विधायक हो गए हैं।