Knowledge: जब किसी की मृत्यु हो जाती हैं, तो उसका अंतिम संस्कार किया जाता हैं। उस समय हमारे शरीर की जो स्कीन व अन्य पार्ट होते हैं वो जलकर राख बन जाते हैं। लेकिन शरीर के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं, जोकि जलते नहीं है।

ह्मूमन बॉडी सॉफ्ट और हार्ड कोशिकाओं से बनी होती हैं। आग की वजह से सॉफ्ट टिशू सिकुड़ जाता हैं, इससे स्किन फट जाती हैं और शरीर की चर्बी व मांसपेशियां सिकुड़कर मुड़ जाती हैं। इसकी वजह से बॉडी अकड़ जाती हैं। आग की गर्मी से हड्डी में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन होते रहते हैं।

शरीर में चर्बी और अंगो की अलग-अलग बनावट की वजह से बॉडी के जलने का तरीका भी अलग होता हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शरीर के जिस हिस्से को ज्यादा गर्मी मिलती हैं, वो उतनी जल्दी जलता हैं। जैसे कि अक्सर हाथों और पैरों की हड्डिया इतनी अधिक तीव्रता से नहीं जलती हैं, जितनी शरीर के अन्य हिस्से जल जाते हैं। ज्यादा चर्बी वाले अंग अधिक तीव्रता से जलते हैं। इसके बाद भी शरीर में कुछ ऐसे हिस्से भी होते हैं, जो जलते ही नहीं हैं।

जानिए कौन-सा अंग नहीं जलता हैं-

बता दे कि शरीर में दांत वो हिस्सा होता हैं, जो आग में नहीं जलता हैं। चिता जलने के बाद भी जब अस्थियां इकट्ठी की जाती हैं, तो वहाँ दांत भी मिलते हैं, आग का इनपर मामूली असर ही होता हैं। ये मनुष्य के शरीर का सबसे अविनाशी घटक माना जाता हैं।

कंकाल ना जलने की स्थिति में-

ध्यान देने वाली बात हैं कि कंकाल जलने पर राख में नहीं बदलती हैं यहँ तक की आधुनिक शवदाह गृहों में भी हीं, वहाँ भी कंकाल के अवशेषो को जलने के बाद श्मशान से निकाला जाता हैं। और अवशेषों को श्मशान घाट पर रखा जाता हैं। जब कंकाल नहीं जलता हैं तो ऐसी स्थिति में उसे पीसा जाता हैं।