Madame Tussauds : दुनियाभर के दिग्गज सेलिब्रेटीज की वैक्स स्टैच्यू मैडम तुसाद में रखा जाता हैं। क्या कभी आपने सोचा हैं कि ये मैडम तुसाद कौन हैं जिसके नाम पर ये म्यूजियम चलाया जाता हैं। चलिए ाज हम आपको इनके बारे में बताते हैं कि मैडम तुसाद कौन हैं। जिनका म्यूजियम भारत की राजधानी दिल्ली में भी मौजूद हैं। और दुनियाभर में

बता दे कि दुनियाभर में मोम के पुतलों को फेमस बनाने वाली मैडम तुसाद का जन्‍म 1 दिसम्‍बर 1761 को फ्रांस के शहर स्‍ट्रासबर्ग में हुआ था। इनका वास्तविक नाम मेरी गोजोल्‍स था। इनके पिता सेना के जवान थे। गोजोल्‍स के जन्‍म से दो पहले ही वो सेवन डेज की जंग में मृत्यु हो गई थी। पिता की मौत के बाद आर्थिक तंगी से जूझ रहीं गोजोल्‍स की मां ने शहर के फेमस डॉ. कार्टियस के घर पर नौकरी करनी शुरू कर दी। कार्टियस फ्री टाइम में मोम की मूर्तियां बनाते थे। उस समय असपतालो में मोम की मुर्तिया बनाई जाती थी। डॉ के दोस्तो ने उन्हें सलाह दी कि अमीरो के लिए वो मुर्तियाँ बनाए और उनकी ये सलाह पर उन्होने काम भी किया और ये आइडिया कार्यगर साबित हुआ।

मूर्तियाँ का आर्डर मिलने के बाद डॉ ने गोजोल्‍स को मूर्तियां तैयार करना सिखाया। गोजोल्‍स मूर्तियों को तैयार करने में दिलचस्‍पी होने लगी। 1794 में डॉ. कार्टियस का निधन हो गया था। मरने से पहले उन्होने अपना संग्रहालय गोजोल्स के नाम कर दिया। उसी साल गोजोल्‍स की शादी फ्रेंको तुसाद नाम के इंजीनियर से हुई थी। लेकिन मोम के पुतले बनाना नहीं छोड़ा। शादी के बाद लंदन चली आई।

कड़ी मेहन के बाद म्यूजियम खोला-

गोजोल्स ने कड़ी संघर्ष के बाद 1835 में लंदन की बेकर स्‍ट्रीट पर मैडम तुसाद का पहला स्‍टूडियो खोला। पहले इसमें क्रांतिकारियों के पुतले लगने शुरू हुए। धीरे-धीरे म्यूजियम फेमस हो जाने के बाद यहाँ पर दुनियाभर के फेमस लोगो के वैक्स के स्टैच्यू लगने लगे। 1842 में मैडम तुसाद ने अपना पोर्टेट बनाया था। इसे लंदन के मैडम तुसाद संग्रहालय के मेन गेट पर रखा गया जो आने वाले लोगों का स्‍वागत करता है। 1850 में मैडम तुसाद के निधन के बाद उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए दुनिया के कई देशों में ऐसा ही म्यूजियम बनाया गया हैं।