Tripura Meghalaya and Nagaland History: त्रिपुरा, मेघालय व नागालैंड विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर आज चर्चा में हैं। क्योकि आज यहाँ के विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी होने वाले है। भारत के ये तीन राज्य आजादी के वक्त राज्यों की गिनती नहीं थी। बता दे कि भारत के आजाद होने के करीब 20 साल से ज्यादा सालो के बाद राज्य बने हैं। जानिए इन तीन राज्यो को कैसे भारत में शामिल किया गया हैं।

त्रिपुरा का इतिहास-

त्रिपुरा को 21 जनवरी 1972 को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। बता दे कि साल 1972 में नॉर्थ ईस्ट में कई जगहों को पूरे राज्य का दर्जा दिया गया था। इन राज्यो में त्रिपुरा भई था। उस दौरान नॉर्थ ईस्टर्न रिजन री-ऑर्गेनाइजेशन एक्ट 1971 के तहत उन्हें राज्य का दर्जा मिला था। त्रिपुरा की रियासत के अंतिम शासक किरीत बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर देबबर्मा थे। और 1949 तक उन्होने शासन किया था। इसके बाद 9 सितंबर 1949 को रियासत को भारत गणराज्य में विलय कर दिया गया हैं। इसके बाद 1 जुलाई 1963 को त्रिपुरा एक केन्द्र शासित प्रदेश बन गया था। और 21 जनवरी 1972 को इसे एक पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था।

नागालैंड का इतिहास-

जब भारत देश आजाद हुआ था तब नागालैंड के नगाओं ने खुद को भी आजाद घोषित कर दिया व भारत सरकार के साथ नहीं आए हैं। हालांकि समय के साथ नगाओं में भी उथल-पुथल हुई व साल 1957 में वहाँ स्थानीय नेताओं व केन्द्र सरकार में सहमति बनी व इसके बाद 1960 में यह तय हो गया कि नागालैंड को देश का हिस्सा होना चाहिए। फिर 1993 में 1 दिसंबर को यहाँ कोहिमा को राज्य की राजधानी माना गया व अलग राज्य बन गया था।

मेघालय का इतिहास-

मेघालय 21 जनवरी 1972 को भारत का राज्य बना था। लेकिन इससे पहले यानि 1972 में मेघालय पहले असम का हिस्सा हुआ करता था। लेकिन अब 1972 में कई राज्य बनाए गए तो मेघालय को असम से अलग करके स्वतंत्र राज्य बना दिया गया था।