Knowledge: राजस्व खुफिया निदेशायल (DRI) की मुंबई क्षेत्रीय इकाई ने थाईलैंड से भारत में तस्कर किया जा रहा हैं। 306 जीवित विदेशी जानवरों को पकड़ा हैं। जिसमें कई तरह की मछलियाँ, घोंघे, केकड़े व स्टार कछुओं सहित कई अन्य प्रजातियाँ भी शामिल थी। कछुओं में स्टार कछुए की तस्करी के मामले अक्सर सामने आता हैं। चलिए हम आपको बताते हैं कि स्टार कछुऐं की तस्करी कैसे होती हैं।

क्या होता हैं खास-

कछुओं की कई प्रजातियाँ हैं। जिनकी दुनियाभर में बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती हैं। तस्करी के पीछे इनसे बनने वाली औषधियां, धार्मिक महत्व आदि कारण हैं। स्टार कछुए की पीठ पर पीले व काले रंग के चकत्ते की तरह की खूबसूरत आकृति होती हैं। यह एक पिरामिड की तरह लगती हैं। इनकी खूबसूरत दिखावट के साथ गलत धारणाओं के कारण भी तस्कर इनकी तस्करी करते हैं।

दक्षिण पूर्वी एशिया सहित कई जगहों पर लोग यह मानते हैं कि स्टार कछुए भाग्य के संकेत होते हैं और इन्हें पालने से भाग्य बदल जाता हैं। इस कारण से, इन्हें घरों में पालने की मांग बढ़ती जा रही हैं। लेकिन लोग इन्हें घर में पालने के लिए ज्यादा रकम खर्च करने में हिचकिचाते हैं।

स्टार कछुओं से यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवाओं का निर्माण भी किया जाता हैं। जिसके कारण इनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग होती हैं। इनके कारण, इनकी कीमत 15,000 से 25,000 रूपए के बीच में जाती हैं।

इंडियन स्टार टोर्टोइज कछुए जियोकेलोन एलिगांस फैमिली से आते हैं। स्टार कछुए भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न स्थलों पर पाए जाते हैं। मुख्य रूप से भारत के मध्य व दक्षिण हिस्सों के अलावा पश्चिमी पाकिस्तान व श्रीलंका में भी हैं।

भारत में, ये स्टार कछुए मुख्य रूप से तमिलनाडु व आंध्रप्रदेश के जंगलों में पाए जाते हैं। वे सूखे घास के मैदानों व झाड़ियों में रहते हैं। और उनका आहार घास, फल, फूल व पौधों की पत्तियों पर आधारित होता हैं। इनकी जीवनकाल 25 से 80 साल के बीच होती हैं। और इनका वजन 1000 से 6600 ग्रम (1-6.6Kg) तक हो सकता हैं। भारत में छोटे व माध्यम आकार के स्टार कछुए पाए जाते हैं।