Lala Lajpat Rai Death Anniversary: आज के ही दिन शेर ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध लाला लाजपत राय जी की मृत्यु हो गई थी। जब देशभर में साइमन गो बैक का नारा गूंज उठा था। उस समय पंजाब में आंदोलन का नेतृत्‍व कर रहे थे, लाला लाजपत राय जी पर अंग्रेजों ने लाठीचार्ज किया, जिसमें लालाजी बुरी तरह घायल हो गए और 1928 में आज ही के दिन उनका निधन हो गया। इनके जीवन के कुछ ऐसे अनसूने राज जिससे हर कोई हैं अंजान चलिए आज हम आपको बताते हैं।

लाला लाजपत राय जीवन परिचय-

लाला लाजपत राय जी का जन्म 28 जनवरी, 1856 को लाला राजपत राय का जन्म पंजाब के मोंगा जिले में हुआ था। इनके पिता राधाकृष्ण अग्रवाल पेशे से एक टीचर और उर्दू के प्रसिद्ध लेखक थे। उनकी माता का नाम गुलाब देवी था जो एक गृहिणी थी। लाला लाजपत राय एक मेधावी छात्र थे। इन्होने वकालत की पढ़ाई की थी।

अंग्रेजो की न्याय व्यवस्था देखकर इनको बहुत गुस्सा आया। जिसके चलते इन्होने बैंकिंग की तरफ रूख किया और बैंको का नवचार किया। बाल गंगाधर तिलक के बाद वो उन शुरुआती नेताओं में से एक थे जिन्होंने पूर्ण स्वराज्य की माँग की थी। 1905 में बंगाल विभाजन के बाद उन्होंने सुरेंद्रनाथ बैनर्जी और विपिनचंद्र पाल जैसे आंदोलनकारियों से हांथ मिलाया और अंग्रेजों के इस फैसले का विरोध किया। उनकी लोकप्रियता देखकर अंग्रेजो की नीव हिल गई और अंग्रेजो ने इन्हें वर्मा के जेल में बंद कर दिया।

17 नवंबर 1928 में इनकी मृत्यु के बाद गुस्से में आए महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने लाल साहब की मौत का बदला लेने के लिए अंग्रेज पुलिस अधिकारी सांडर्स को 17 दिसंबर 1928 को गोली से मार दिया था। लाल बाल और पाल के नाम से प्रसिद्ध तीन स्वतंत्रता सेनानियों में एक थे लाला लाजपत राय

शेर ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध-

पंजाब में ब्रिटिश राज के विरोध का झंडा लाला लाजपत राय ने लिया था। बता दे कि जब अंग्रेजो ने इन्हें भारत नहीं आने दिया तो अमेरिका में रहकर यंग इंडिया पत्रिका का संपादन और प्रकाशन किया और न्यूयॉर्क में इंडियन इनफॉरमेशन ब्यूरो की स्थापना की थी। लाला लाजपत राय ने स्वामी दयानंद के साथ मिलकर आर्य समाज की स्थापना की। तथा इसके अलावा आज के प्रसिद्ध बैंको में से एक बैंक पंजाब नेशनल बैंक की भी नीव इन्हीं ने डाली थी।