कर्नाटक और गोवा के बीच लम्बे समय चल रहा महादयी नदी विवाद क्या हैं, जानिए

Mahadayi River Dispute: कर्नाटक और गोवा के बीच लम्बे समय से चल रहामहादयी नदी विवाद पर चर्चा तेज हो गई हैं। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने महादयी जल बंटवारे को लेकर अपना अलग दावा पेश किया हैं। उनका कहना हैं कि महादयी के पानी पर उनका हक है और गोवा उसके एक-एक बूंद के लिए लड़ाई लड़ेगा। बता दे कि ये बात तब सुर्खियों में आई जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा में इससे जुड़े प्रोजेक्ट पर जानकारी साझा करते हुए कहा हैं कि- कर्नाटक में महादयी नदी के पानी को मोड़ने के लिए हमारी संशोधित परियोजना रिपोर्ट को केंद्र से मंजूरी मिल गयी हैं। गोवा और कर्नाटक के बीच महादयी नदी के पानी को साझा करने का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चुका हैं। जानिए क्या हैं ये विवाद
महादयी नदी विवाद क्या हैं-
महादयी नदी इन दोनो राज्यो से होकर निकलती हैं। इसी नदी के पानी को लेकर ये विवाद छिड़ा हुआ हैं। बता दे कि 77 किलोमीटर लम्बी इस नदी का 29 किलोमीटर तक का हिस्सा कर्नाटक में हैं तो वहीं 52 किलोमीटर वाला हिस्सा गोवा के दायरे में आता हैं। महादयी नदी का उद्गम कर्नाटक के बेलगाम जिले के पश्चिमी घाट से होता हैं। कर्नाटक सरकार लम्बे समय से यह परियोजना लाने की सोच रही हैं। राज्य की सीमा के अंदर महादयी नदी से 7.56 टीएमसी पानी को मलप्रभा डैम तक लाना चाहती हैं। जिसके तहत पानी की धारा को कलसा और बंडूरी नामक दो नहरों में मोड़ा जाना हैं। इस परियोजना को कलसा-बंडूरी नहर परियोजना कहा जाता हैं।
इस परियोजना के जरिए कर्नाटक सरकार धारवाड़, गदग और बेलगावी जिले में पीने के पानी की सप्लाई को बढ़ाना चाहती हैं। जबकि गोवा इसके खिलाफ हैं। बता दे कि गोवा के सीएम प्रमोद सावंत का कहना हैं कि दूसरी नदियों की तरह समय-समय पर इसमें पानी का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। तो वहीं बारिश के कारण जून से अक्टूबर तक नदी का जलस्तर बेहतर रहता है। यदि नई परियोजना के तहत कर्नाटक सरकार पानी के रुख को मोड़ती है तो इसका सीधा असर गोवा के लोगों पर पड़ स कता हैं। जिसकी वजह से वहां के लोगों के लिए जलसंकट पैदा हो सकता हैं।
गोवा में इस नदी को मंडोवी के नाम से जाना जाता हैं। यहाँ के लोग इसे माँ कहते हैं। क्योकि गोवा में वैसे तो 11 नदियाँ हैं लेकिन मंडोवी और जुआरी इनके लिए खास हैं क्योकि इसका पानी मीठा हैं। और ये यहाँ के लोगो के लिए जल का स्त्रोत हैं। बाकि नदियों का पानी खारा हैं।