Moon Mission: चांद के बाद अब इसरो के वैज्ञानिकों की नजर शुक्र ग्रह पर, जानिए इससे जुड़े मिशन के बारे में
क्या हैं शुक्र ग्रह से जुड़ा मिशन-

Chandrayan 3 Landing: चंद्रयान-3 ने चाँद की जमीन पर जैसे ही सफल लैंडिंग की भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो का डंका पूरी दुनिया में बज गया हैं। चाँद पर ऐसे तो अमेरिका रूस व चीन जैसे देश पहले ही जा चुके हैं। लेकिन भारत ने वहाँ लैंडिंग की जहाँ दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुँच सका था। वो जगह चाँद का दक्षिणी ध्रुव, वैज्ञानिकों का मानना हैं कि अगर चाँद पर पानी कही मिल सकता हैं, तो ये वहीं जगह हैं। हालांकि आज हम चंद्रयान या चांद की नहीं बल्कि पृथ्वी के सबसे पृथ्वी के सबसे नजदीक मौजूद पथरीले ग्रह शुक्र की बात कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि शुक्र ग्रह की स्थिति ऐसी जगह हैं जहाँ पर जीवन संभव हो सकता हैं।
क्या हैं शुक्र ग्रह से जुड़ा मिशन-
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के दौरान पीएम मोदी ने अपने स्पीच में इसरो के एक व मिशन का जिक्र किया था। वो था शुक्रयान का, दरअसल, इसरो के वैज्ञानिक शुक्र ग्रह पर रिसर्च करना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्होंने एक वीनस ऑर्बिटर मिशन तैयार किया हैं। बता दे कि शुक्र ग्रह पर सिर्फ इसरो की ही नजर नहीं , बल्कि नासा भी उस पर रिसर्च करना चाहता हैं।
कब शुरू होगा शुक्र पर मिशन-
इस मिशन के बारे में चर्चा भले ही चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद हुआ हो, लेकिन इस पर काम साल 2017 से ही शुरू कर दिया गया हैं। जबकि इसकी अवधारणा साल 2012 में ही बना ली गई थी। इसरो के वैज्ञानिक वीनस ऑर्बिटर मिशन पर काफी समय से काम कर रहे हैं। इस मिशन के माध्यम से वैज्ञानिक शुक्र ग्रह के वायुमंडल के रसायन, उसके गतिकी व संरचनात्मक विविधताओं के साथ-साथ सौर विकिरण और सौर पवनों के प्रभावों पर भई रिसर्च कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि इसरो इस मिशन को 2026 से 2028 के बीच लॉन्च कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योकि शुक्र ग्रह के लिए सही लॉन्च विंडो का समय 19 महीने में एक बार आता हैं।