Israel vs Palestine War: किसी भी धर्म में शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता हैं। चाहे वो विज्ञान की शिक्षा हो या आध्यात्म की यहूदी धर्म में भी ऐसा ही होता रहा हैं। यहूदी धर्म भी ऐसा ही होता हैं। यहूदी लोग अपने बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के साथ-साथ अपने धर्म की भी शिक्षा देते हैं। ये हर यहूदी परिवार में होता हैं। जैसे ही बच्चा पढ़ने योग्य होता हैं। उसे यहूदी धर्म से जुड़ी हर चीज के बारे में बताया गया हैं। तोरा एक पवित्र किताब हैं। जिसे हर यहूदी पढ़ता हैं और समझता हैं। कहा जाता हैं कि इसे पढ़ने के बाद कोई यहूदी बच्चा सच में एक यहूदी बनता हैं।

तोरा एक पवित्र किताब या ग्रंथ हैं। जिसे यहूदी लोग पूजते हैं। तोरा शब्द तोह-राह यानी सीख शब्द से बना हैं। हम जिस शब्द तोह-राह का प्रयोग कर रहे हैं। बता दे कि उसे बाइबल की पहली पांच किताबों को कहा जाता हैं। इन्हें ही पंचग्रंथ भी कहा जाता हैं। इनमें हैं- उत्पत्ति निर्गमन, लैव्यव्यवस्था, गिनती और व्यवस्थाविवरण कहा जाता हैं कि इस किताब को मूसा ने लिखा था। यही वजह हैं कि इसे मूसा के कानून का किताब भी कहा जाता हैं। कहते हैं कि दुनियाभर के यहूदी इस किताब के माध्यम से ही अपने ईश्वर को याद करते हैं। भारत के यहूदी भी इस किताब को बेहद पवित्र मानते हैं। किसी भी पवित्र कार्यक्रम में इस किताब की उपस्थिति आवश्यक हैं।

क्या लिखा हैं इस ग्रंथ-

बता दे कि इस पवित्र किताब में लिखा हैं कि सृष्टि की शुरूआत से लेकर मूसा की मौत तक ईश्वर लोगों के साथ किस तरह पेश आया था। इसके साथ ही इसमें मूसा के कानून व नियमों को भी लिखा गया हैं। जिसे हर यहूदी मानता हैं। इस किताब में यहूदियों की एक खास प्रार्थना शेमा भी लिखी हुई हैं। इस किताब में यहूदियों के ईश्वर यहोवा का नाम 1800 बार आता हैं।