India's Last Village : भारत का वो गाँव जिसके बारे में कहा जाता हैं कि ये भारत का आखिरी गाँव हैं और यहाँ से आगे स्वर्ग का रास्ता जाता हैं। ये आखिरी गाँव 'माणा' उत्तराखंड में स्थित है। इस गाँव में आज पीएम नरेन्द्र मोदी विजिट करेगे। और वहाँ पर लोगो से बातचीत करेगे। कहाँ जाता हैं कि ये गाँव महाभारत के समय से प्रसिद्ध हैं। यह भारत का अंतिम गांव है। यहां से तिब्बत की सीमा शुरू होती है। ऐसी मान्यता हैं कि उत्तराखंड में स्थित पांडुकेश्वर तीर्थ स्थल पर राज त्याग के बाद महाराज पांडु अपनी धर्म पत्नियों के साथ यहां निवास करते थे। और पांडव का जन्म भी यही हुआ था।

इस गाँव से ब्रदीनाथ मात्र 3 किलोमीटर दूर हैं। यहाँ पर 5 किलोमीटर दूर व्यास गुफा यहां का एक चर्चित टूरिस्ट प्लेज हैं ऐसी मान्यता हैं कि वेदव्यास ने इस गुफा में बैठकर तीन वेदो की रचना की थी। उस वक्त व्यास जी ने मौखिक रूप से जानकारी दी थी, जिसे गणेश जी ने लिखा था। इसके अलावा इस गाँव में एक पुल भी हैं। जिसे भीम पुल कहा जाता हैं मान्यता हैं कि महाभारत के समय पांडव यहाँ से गुजरे थे। और यहां सरस्वती नदी पर बने पुल को भीम ने बनवाया था। जिसकी वजह से इसका नाम भीम पुल हैं।

ये गाँव जड़ी- बूटियों के लिए भी बहुत ज्यादा प्रसिद्ध हैं। कहा जाता हैं कि यहाँ पर मिलने वाली जड़ी बूटियों से लोग बहुत जल्द-ही सही हो जाते हैं। यहाँ पर आज भी पुराने तरीके से बीमारियों का इलाज किया जाता हैं। खासकर पथरी रोगी यहाँ पर अपना इलाज कराने आते हैं।

इस गाँव में बहुत कम लोग रहते हैं। सूत्रो की माने तो यहाँ मात्र 60 परिवार रहता हैं। जिसकी वजह से यहाँ पर प्रकृतिक की खूबसूरती देखने लायक हैं। यहां से तिब्बत की दूरी महज 26 किलोमीटर दूर हैं। यहाँ पर दो नदियों का संगम भी हैं अलकनंदा व सरस्वती