PM Modi Speech at Red Fort: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज लाल किले पर 75वें वर्षगांठ के मौके पर ध्वजारोहण किया तथा इसके साथ ही पीएम मोदी ने देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले, आहुती देने वाले, इस देश को आजादी के बाद बनाने वाले महापुरुषों को नमन किया। आजादी के 100 साल पूरे होने पर विकसित देश बनाने का संकल्प लेने की अपील भी किया। ये प्रधानमंत्री मोदी का सबसे लम्बा भाषण था। उन्होने पूरे 83 मिनट तक देश को संबोधित किया। देश की आजादी के बाद से 15 अगस्त को सबसे ज्यादा भाषण देने वाले प्रधानमंत्रियों की सूची में शीर्ष पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का स्थान हैं। नेहरू ने स्वतंत्रता दिवस पर कुल 17 बार देशवासियों को संबोधित किया। उनके बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 16 बार 15 अगस्त को संबोधित किया हैं।


पीएम नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2022) के मौके पर देश के नाम संबोधन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौवीं बार लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराया हैं। इस दौरान 21 तोपों की सलामी भी दी गई. यह 9वां मौका है, जब नरेंद्र मोदी ने पीएम के तौर पर झंडारोहण किया हैं। उन्होने कहा कि मैं आजाद भारत में जन्मा हूँ। हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो। आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का मौका हैं।


पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है, हर भारतीय का मन गर्व से भर जाता है, जब वे रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, चेन्नम्मा बेगम हजरत महल जैसी वीर महिलाओं को याद करते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, यह देश मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल का ऋणी है. इन वीरों ने अंग्रेजों के शासन की नींव हिला कर रखा दी थी। कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर के हर प्रति नागरिक आभारी है. आज उन्हें याद करने और नमन करने का यही वक्त हैं। सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।


पीएम मोदी ने लाल किले से पाँच प्रण दिलाए-

  • विकसित भारत- अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए।
  • गुलामी के हर अंश से मुक्ति का प्रण- दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना।
  • विरासत पर गर्व- तीसरी प्रण शक्ति है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया था. यह विरासत है जो समय समय पर परिवर्तन करने का सामर्थ्य रखती है।
  • एकता और एकजुटता का प्रण- चौथा प्रण है एकता और एकजुटता. 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता. न कोई अपना न कोई पराया. एक भारत औऱ श्रेष्ठ भारत के लिए यह प्रण है।
  • नागरिकों का कर्तव्य. इससे पीएम, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता है. ये 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं।