सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर क्या हैं, जो राष्ट्रपित ने अपने बॉडीगार्ड को दिया
Indian President Droupadi Murmu : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी द्वारा गुरूवार को राष्ट्रपति भवन में हुए एक आयोजन के दौरान अपने बॉडीगार्ड को सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान किया हैं। आपको बता दे कि ये भारतीय सेना की ऐसी एकमात्र सैन्य इकाई है जो राष्ट्रपति के सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर लेकर चलती हैं। इन्हें प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड (PBG) के नाम से भी जाना जाता हैं। ये गार्ड हमेशा राष्ट्रपित के साथ चलने का विशेषाधिकार प्राप्त करते हैं। हर एक राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान अपने बॉडीगार्ड को एक बार जरूर ये सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान करता हैं।
अब तक 13 बार इस समारोह का आयोजन हुआ है-
भारत के आजादी के बाद से अबतक कुल 13 बार ये आयोजन हुआ हैं। जब राष्ट्रपति अपने गार्ड को ये सिल्वर ट्रम्पेट और ट्रम्पेट बैनर प्रदान करते हैं। जिसमें राष्ट्रपति का नाम देवनागरी में लिखा होता हैं। इसे प्राप्त करने के बाद उनके विशेषाधिकार प्राप्त हो जाता हैं। इस आयोजन के दौरान गार्ड घुड़सवारी से लेकर बैंड म्यूजिक तक अलग-अलग तरह की स्किल पेश किए जाते हैं। , इस आयोजन को सिल्वर ट्रंपेट बैनर प्रेजेंटेशन सेरेमनी कहा जाता हैं। पहली बार सिल्वर ट्रम्पेट बैनर प्रेजेंटेशन सेरेमनी 14 मई, 1957 को हुई थी। जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहले देश के पहले राष्ट्रपति थे।
राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड कौन हैं-
प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड यानी PBG का इतिहास 250 साल पुराना हैं। इनका प्रमुख कार्य राष्ट्रपति को सुरक्षा प्रदान करना होता हैं। भारतीय सेना की घुड़सवार फौज रेजिमेंट है। इस रेजिमेंट में शामिल होने के कारण युवाओं को कई मानकों पर खरा उतरना होता हैं। जिसमें उच्ची कद काठी व घुड़सवारी के साथ-साथ अन्य खूबियाँ होनी चाहिए। इस आयोजन में प्रयोग किए जाने वाले घोड़े काफी ताकतवर होते हैं। इन घोड़ो का इतिहास काफी पुराना हैं कहा जाता हैं कि अंग्रेज गर्वनर जनरल वॉरेन हेस्टिंगन 1773 में 50 घुड़सवारों के साथ प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड्स का गठन बनारस में अपनी सुरक्षा करने के लिए किया था। तथा इससे पहले से मुगल हॉर्स के नाम से जाना जाता था। ये जर्मनी की खास नस्ल वाले घोड़ों को इसमें शामिल किया जाता है. इन घोड़ों का वजन करीब 500 किलो तक होता है। ये प्रक्रिया काफी लम्बे समय से चला आ रहा हैं। 27 जनवरी, 1950 को रेजिमेंट का नाम बदलकर प्रेजिडेंट बॉडीगार्ड कर दिया गया था।