Ram Manohar Lohia Death Anniversary : राम मनोहर लोहिया वो नेता थे जिनके बारे में कहा जाता हैं कि जब जब लोहिया बोलता है, दिल्ली का तख्ता डोलता है। आपको बता दे कि जवाहर लाल नेहरू से मतभेदों के कारण वो पहले ही कांग्रेस से अलग हो चुके हैं। नेहरू लगातार अपने राजनीति सफर में आगे बढ़ रहे थे। लेकिन लोहिया नेहरू की नीतियां से खुश नहीं थे। वो लोगो के बीच इसलिए भी प्रसिद्ध थे क्योकि वो अपनी बाते स्पष्ट तरीके से लोगो के सामने रखते थे। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के 25 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च करने की बात पर उन्होने सवाल उठाया और इंदिरा गांधी को 'गूंगी गुड़िया' कहने से पीछे नहीं हटे थे।

Ram Manohar Lohia Biography -

राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में हुआ था। तथा राम मनोहर लोहिया ने 12 अक्टूबर, 1967 को अंतिम सांस ली थी। वो कांग्रेस से इसलिए अलग हुए क्योकि उनका नेहरू से मतभेद बढ़ता चला गया। उन्होने उनको घेरा और यहां तक कह डाला कि बीमार देश के बीमार प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे दिया हैं। यह बात 1962 की है, लोहिया ने नेहरू के खिलाफ फूलपुर में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था।

राम मनोहर लोहिया ने अपने प्रचार में एक बार कहा था कि मुझे मालूम है कि मैं पहाड़ से टकराने आया हूं, पहाड़ से पार पा पाना इतना भी आसान नहीं, लेकिन मैं उसने में एक दरार भी डाल पाया तो खुद को सफल मानूंगा। नेहरू को 1.18 लाख से अधिक वोट मिले वहीं लोहिया को 54 हजार. हालांकि 1963 में फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश) सीट पर हुए उपचुनाव में उनको जीत मिली थी। और वो संसद बनकर लोकसभा पहुँचे और वहाँ पर उन्होने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया।

उन्होने नेहरू पर बोला हमला-

राम मनोहर लोहिया ने कहा कि आम इंसान को रोजाना दो आने नसीब नहीं हो पाते, लेकिन नेहरू रोजाना 25 हजार रुपय खर्च करते हैं। जनता से जो समर्थन राम मनोहर लोहिया को मिलता था। उससे केन्द्र की सरकार डरती थी। यही वजह हैं कि लोग कहते हैं कि 'जब लोहिया बोलता है तब केंद्र का तख्ता डोलता है।

महात्मा गाँधी के कहने पर छोड़ी सिगरेट-

एक बार महात्मा गाँधी ने उनसे कहा कि सिगरेट पीना छोड़ दो। तो उस समय उन्होने उनसे कहा कि मैं इस पर विचार करूँगा। लेकिन तीन महीने के अंदर उन्होने सिगरेट पीना छोड़ दिया।