यूपी में स्कॉलरशिप के बदले नियम, इन छात्रों को नहीं मिलेगा स्कॉलरशिप

UP Scholarship 2023-24 : स्कूली शिक्षा से लेकर यूजी, पीजी व पीएचडी लेवल तक के छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकारी स्कॉलरशिप दिया जाता हैं। यूपी के स्कॉलरशिप में कई बदलाव किया गया हैं। उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में नए सत्र से स्कॉलरशिप पाना आसान नहीं होगा। 40 साल से ज्यादा उम्र वालों को स्कॉलरशिप नहीं दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निदेशक की ओर से उच्च शिक्षा में एडमिशन लेने वाले छात्रों के लिए स्कॉलरशिप के नियमों को सख्त कर दिया गया हैं। नए नियम के अनुसार,कॉलेजों में पढ़ने वाले 40 साल से ज्यादा उम्र के छात्र स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। हालांकि इससे रिसर्च व डॉक्टरेट के छात्रों को बाहर रखा गया हैं।
यूपी के सरकारी कॉलेजों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विभाग की तरफ से नए नियम बनाए गए हैं। पिछले सत्र तक सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेज के छात्र स्कॉलरशिप के लिए दावेदार होते थे। लेकिन नए सत्र 2025-26 से केवल उन्हीं संस्थानों को स्कॉलरशिप व फीस में छूट दिया जाएगा। जो नौक या एनबीए ग्रेडिंग पा सकेंगे।
नैक व एनबीए ग्रेडिंग का महत्व बहुत ज्यादा हैं। मीडिया रिपोर्ट्स कि माने तो 10 फीसदी उच्च शिक्षण संस्थानों के पास अभी भी नैक या एनबीए नहीं हैं। अगले सेशन यानी 2025-26 में जो विश्वविद्यालय या कॉलेज नैक के मानकों को पूरा करते हैं। उन्हें ही स्कॉलरशिप का मौका मिलेगा।
बॉयोमैट्रिक का प्रयोग-
नए नियमों के अनुसार, छात्रों को कॉलेज पहुँचे बिना डिग्री व स्कॉलरशिप का लाभ नहीं मिलेगा। सेशन 2025-26 से छात्रों की अनुपस्थिति 75 फीसदी अनिवार्य की गई है। छात्रों को बॉयोमैट्रिक व फेस रिकॉग्निशन सिस्टम से कॉलेजों में स्कॉलरशिप तय किया जाएगा। फेस रिकॉग्निशन सिस्टम की जिम्मेदारी श्रीटॉन को सौंपी गई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बॉयोमैट्रिक सिस्टम तैयार करने का जितना भी खर्च आएगा। उसका वहन कॉलेजों व यूनिवर्सिटी को ही करना होगा।