UGC New Guideline : यूजीसी द्वारा अब चार सालो का ग्रेजुएशन कर दिया गया हैं। यानि 12वीं के बाद यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन लेने जा रहे छात्रो को इसके बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। बता दे कि 12 दिसंबर 2022 को UG Course के लिए फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम FYUP की घोषणा की जा सकती है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की ओर से देश के 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अलावा कई राज्य और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में FYUP के नियम लागू किए जाएगे।

जानिए 4 साल के ग्रेजुशन के बारे में-

दिल्ली यूनिवर्सिटी और JNU इस प्रोग्राम को पहले ही शुरू कर चुकी हैं। इसके अलावा कई डीम्ड यूनिवर्सिटी इस प्रोग्रोम को लागू करने के लिए सहमति जता चुकी हैं। FYUP के ड्राफ्ट रेगुलेशंस में लिखा है कि जो छात्र तीन साल में ग्रेजुएशन करना चाहते हैं, उन्हें 120 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे। तो वही चार साल में यूजी ऑनर्स की डिग्री के लिए चार साल में 160 क्रेडिट हासिल करने होंगे। बता दें कि क्रेडिट अंक अकादमिक घंटों की संख्या के माध्यम से मापा जाता है।

इसके अलावा यदि कोई छात्र रिसर्च स्पेशलाइजेशन करना चाहता है। तो उन्हें अपने चार साल के कोर्स में एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू करना होगा। इससे उन्हें रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी।

तीन साल के यूजी कोर्स को पूरा करने के बाद ऑनर्स की डिग्री मिलती है। तो वहीं यूजीसी के मुताबिक जो छात्र पहले से पढ़ रहे हैं. वो चार साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम को आगे बढ़ा सकते हैं। इसके लिए छात्रो को बदलाव के लिए ब्रिज कोर्स ऑनलाइन का ऑप्शन यूनिवर्सिटी द्वारा दिया जाएगा।

FYUP छात्रों को मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का ऑप्शन दिया जाएगा। यानि जो छात्र तीन साल के कोर्स में बीच में डृॉप कर देते हैं। उन्हें तीन सालो के अंदर शामिल होने का परमिशन दिया जाएगा।

बता दे कि ये चार साल का UG Course नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अंतर्गत है। छात्र चाहें तो वो पहले से ही चल रहे परंपरागत तीन साल के यूजी प्रोग्राम को ही जारी कर सकते हैं।

इसके साथ ही कोर्स के दौरान दूसरे सेमेस्टर के अंत में, छात्र अपने चुने हुए प्रमुख विषयों को जारी रखने या इसे बदलने का निर्णय ले सकते हैं। उनके पास सिंगल मेजर या डबल मेजर का चुनाव कर सकते हैं।

यूजीसी द्वारा प्रस्तावित FYUP में प्रमुख कोर्स, शॉर्ट टर्म कोर्स, अन्य विषयों के कोर्स, लैंग्वेज कोर्स, स्किल कोर्स शामिल होंगे. इसमें पर्यावरण शिक्षा, भारत को समझना, डिजिटल और टेक्निकल सॉल्यूशन, स्वास्थ्य और कल्याण, योग शिक्षा और खेल और फिटनेस कोर्स भी शामिल होंगे।