UGC ने किया सतर्क, PhD करने से पहले हो जाए सर्तक, पढ़े पूरी खबर
UGC New Guidelines : यूजीसी द्वारा न्यू गाइडलाइंस जारी की गयी हैं। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने पीएचडी प्रोग्राम करने वाले स्टूडेंट्स को चेतावनी दी हैं। ये चेतावनी स्टूडेंट्स को विदेशी यूनिवर्सिटीज और हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स के सहयोग से EduTech कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए हैं। यूजीसी और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सार्वजनिक नोटिस में यह कहा है कि कमीशन उन ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम की डिग्री को मान्यता नहीं देगा, जिन्हें EduTech प्लेटफॉर्म द्वारा दिया गया हैं।
यूजीसी ने क्या कहा हैं-
यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया हैं कि सभी इंडियन हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन को पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए मिनिमम स्टैंडर्ड और प्रोसिजर) रेगुलेशन 2016 द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करना चाहिए। जो मार्च 2022 में, कमीशन ने यूजीसी रेगुलेशन 2016 में संशोधन का प्रस्ताव दिया और सुझाव दिया कि पीएचडी के लिए 60 प्रतिशत एडमिशन यूजीसी नेट एग्जाम या यूजीसी नेट जेआरएफ एग्जाम क्लियर करने वाले छात्रो को ही लिया जाएगा। बाकि 40 प्रतिशत छात्र वो होगे जो यूनिवर्सिटी के एट्रेंस एग्जाम को क्वालिफाई करके एडमिशन ले सकते हैं।
भारत में उसी पीएचडी डिग्री को मान्यता दी जाएगी, जो यूजीसी द्वारा बनाए गए नियमों और प्रोग्राम के रूल एवं स्ट्रक्चर का पालन करेगे। विदेशी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के सहयोग से EduTech कंपनियों द्वारा ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम के विज्ञापनों के बहकावे में ना आए।
क्या हैं EduTech-
इस समय EduTech द्वारा बहुत से कोर्सेस चलाए जाते हैं जो कि ऑनलाइन डिग्रियां, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज करवा रही हैं. इनमें से अधिकतर कोर्स डिप्लोमा और सर्टिफिकेट मोड में होते हैं। ये सभी स्कील बेस पर आधारित होते हैं। इन कोर्सेस को वर्किंग प्रोफेशनल्स भी कर सकते हैं।