Female Reservation: महिलाओं को आरक्षण देने को लेकर जहाँ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की माँग को ठुकरा दिया था। तो वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण देने का रास्ता साफ कर दिया हैं। शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण देने पर रोक लगाई गई थी। जिसके बाद राज्य ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

अक्टूबर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने महिला आरक्षण के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया था। जिसके लिए उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल ने सीएम धामी को सरकारी नौकरियों में राज्य की महिलाओं को आरक्षण देने के संबंध में अध्यादेश लाने के लिए अधिकृत किया था। तो वहीं हाईकोर्ट द्वारा राज्य की मूल निवासी महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने के सरकार के एक आदेश पर रोक लगाने के बाद अध्यादेश जारी किया जा रहा था।

उत्तराखंड में महिलाओं को 18 जुलाई, 2001 से आरक्षण दिया था। उस समय महिलाओ को केवल 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था। लेकिन 2006 में सरकार ने इसे बढ़ाने का ऐलान किया कि राज्य की मूल निवाली महिलाओं को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। आरक्षण को लेकर विवाद की शुरुआत पिछले साल हुई, जब लोक सेवा आयोग की उत्तराखंड सम्मिलित प्रवर सेवा परीक्षा का आयोजन हुआ था।

जिसके बाद हरियाणा की एक महिला हाईकोर्ट पहुँच गयी थी। उसका कहना था कि उत्तराखंड की स्थानीय अभ्यर्थी से ज्यादा नंबर होने के बाद भी उसे बाहर किया गया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए 24 अगस्त को उत्तराखंड की स्थानीय महिलाओं को मिल रहे आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उत्तराखंड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने आज आरक्षण पर लगी रोक को हटा दिया हैं।