G-20 Summit : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 का लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया हैं। तथा कहा हैं कि भारत के लिए यह आयोजन गर्व का विषय है और 130 करोड़ भारतीयों की शक्‍त‍ि और सामर्थ्य का प्रतिनिधित्व कर रहा हैं। भारत की अध्‍यक्षता में आयोजित होने वाले जी20 सम्‍मेलन में नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया हैं। क्या आपको जी 20 समिट का क्या कार्य हैं। इसके बारे में जानते हैं। नहीं तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

G-20 Summit क्या हैं-

जी 20 दुनिया के 19 देशों और यूरोपियन यूनियन का समूह है। जिसमें अर्जेंटीना, ऑस्‍ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडिया, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रशिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, युनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं। इस समिट में 19 देशों और यूरोपीय यूनियन के लीडर्स औ वित्‍त मंत्री शामिल होते हैं।

जी20 के गठन का उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके उनकी वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना तथा इसके अलावा भ्रष्‍टाचार का विरोध करना, राजकोषीय मुद्दों को सुलझाना, विकास और ऊर्जा के मुद्दों पर ध्‍यान केन्द्रित कराया। आपको बता दे कि जी20 देशों के ग्रुप को ताकतवर माना जाता है क्‍योंकि दुनिया की 60 फीसदी आबादी यहीं से आती है। दुनिया की जीडीपी का 80 प्रतिशत हिस्सा और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा इससे संबंधित हैं।G20 समूह के सदस्य देशों को नीति तैयार करने में कई अंतरराष्‍ट्रीय संगठन भी इनका साथ देते हैं। इनका मुख्य एजेंडा- जलवायु परिवर्तन, महिलाओं की उन्नति व वैश्विक स्वास्थ्य हैं।

जब भी कोई देश शिखर सम्‍मेलन आयोजित करने की अध्‍यक्षता करता है तो पिछले अध्‍यक्ष देश और अगले आयोजन के अध्‍यक्ष देश के साथ समन्‍वय स्‍थापित करता हैं। ताकि इस एजेंडे को लगातार बरकरार रखा जा सके। इन प्रक्रिया को ट्रोइका कहा जाता है।