Moonlighting के चलते Wipro में गयी 200 से ज्यादा लोगो की नौकरी, जानिए क्या हैं ये
Wipro जानि-मानि कंपनियों में से एक हैं। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले हर एक युवाओं की इच्छा होती हैं कि वो Wipro में नौकरी करे। लेकिन क्या आपको पता हैं विप्रो द्वारा 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया हैं। जिसकी वजह Moonlighting बतायी जा रही हैं। बहुत से लोगो ने ये शब्द पहली बार सुना होगा। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि Moonlighting क्या हैं।
Moonlighting क्या हैं-
विप्रो प्रमुख रिशद प्रेमजी शुरू से ही मूनलाइटिंग के कड़े आलोचक रहे हैं। उन्होने इस बार ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में ट्वीट करके इसके बारे में बात की हैं। मूनलाइंटिग का मतलब होता हैं। जब कोई कर्मचारी एक फिक्श नौकरी के साथ कोई अन्य नौकरी करता हैं। तब इस जॉब को मूनलाइटिंग जॉब कहा जाता हैं। ज्यादातर कंपनिया इस तरह के नौकरी को अनैतिक मानते हैं। आईटी उद्योग में मूनलाइटिंग एक बहस का विषय बन गया हैं। क्योकि कोविड-19 की वजह से वर्क फार्म होम कर रहे कर्मचारी दूसरी जगह से भी काम लेकर कर रहे हैं। जिसकी वजह से कोरोना काल में दोहरे रोजगार में बढ़ोत्तरी हुई हैं।
Infosys ने भी दी कर्मचारियों को चेतावनी-
Infosys ने भी मूनलाइटिंग को लेकर अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी हैं। Infosys ने अपने कर्मचारियों से कहा हैं, कि ऐसी गतिविधियों से दूर रहे।
टेक महिंद्रा को किसी प्रकार की परेशानी नहीं-
तो वहीं टेक महिंद्रा के सीईओ ने कहा कि हमें इस कार्य से कोई परेशानी नहीं हैं। यदि कोई कर्मचारी कार्य खत्म करके एक्ट्रा काम करता हैं या कुछ पैसा कमाना चाहता हैं तो उसको इस चीज की इजाजत देनी चाहिए।