जानिए आर्थिक तौर पर आरक्षण का लाभ उठाने के लिए किन दस्तावेजो की जरूरत
Economic Weaker Reservation : भारत में आरक्षण को लेकर लड़ाई तबसे शुरू हैं, जबसे ये लागू हुआ था। इसपर हर एक पक्ष का अलग-अलग मत हैं। इसी पर वर्ष 2019 में जब साल की पहली केबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने पिछड़े हुए सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ देने की घोषणा की तो इससे राजनैतिक पार्टियों से लेकर आम जनता में जैसे खलबली मच गयी हो। किसी ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया था। तो वहीं कुछ लोगो ने इसके खिलाफ केन्द्र सरकार पर आरोप लगाए थे। जिसपर ब्रेक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को जारी रखने का आदेश दिया हैं। जानिए इसका लाभ किस समुदाय के लोगो को मिलेगा।
सवर्ण आरक्षण का लाभ किसे मिलेगा-
भारत में एससी के लिए 15, एसटी के लिए 7.5 और ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण व्यवस्था हैं। ये आरक्षण सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के आधार पर दिया जाता हैं। साल 1992 में एक आदेश के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरी और पढ़ाई में आरक्षण को 50 फीसदी तक सीमित कर दिया था।
इस आरक्षण का लाभ वर्ग आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्ण वर्ग से है उनको मिलेगा। इसके तहत जिनकी सालाना आमदनी 08 लाख से कम है, वो इसके दायरे में आएंगे। उसकी आय का आधार नौकरी, कृषि, व्यवसाय या कोई और पेशा हो सकता हैं। इसमें आर्थिक आधार पर मिल रहे इस आरक्षण में सवर्णों के अलावा वे सभी समुदाय शामिल हैं जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं। जैसे- ब्राह्मण, बनिया, क्रिश्चियन, मुस्लिम सभी
कौन-कौन कर सकता हैं EWS आरक्षण के लिए आवेदन-
इस आरक्षण का लाभ पाने के लिए 05 एकड़ से कम जमीन होनी चाहिए। तथा इसके साथ उसकी रिहायशी जमीन 200 वर्ग मीटर से ज्यादा नहीं हो सकती हैं। यदि किसी फ्लैट में रह रहा है तो वो भी 200 वर्ग मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए। तथा इसके अलावा ये किसी नगरपालिका के दायरे में नहीं आना चाहिए।
कैसे करे EWS आरक्षण के लिए आवेदन-
EWS आक्षरण के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवारो के पास आय और संपत्ति प्रमाणपत्र होना चाहिए, जो उसके आर्थिक तौर पर कमजोर होने की पुष्टि करता हो. ये प्रमाणपत्र तहसीलदार या उससे ऊपर के राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी हुआ होना चाहिए। हर साल इस सर्टिफिकेट का नवीनीकृत करना पड़ेगा।