महसा अमीनी कौन हैं, जिसके मौत के बाद ईरान में हो रहा है विरोध प्रदर्शन
MAHSA AMINI (महसा अमीनी) ईरान की वो लड़की जिसकी मौत के बाद ईरान की जनता सड़को पर उतर आयी हैं। और विरोध प्रदशर्न कर रही हैं। जानिए कौन हैं 22 साल की महसा अमीनी जो मौत के बाद हीरो बन गयी हैं। महसा अमीनी के लिए न्याय की मांग लगातार की जा रही हैं। पिछले कुछ सालो से ईरान में औरतो ने अपने मौलिक अधिकारो के लिए जमकर विरोध प्रदर्शन किया हैं। उन्ही में एक थी महसा अमीनी जो मर तो गयी लेकिन दुनिया व ईरान के इतिहास में अपना नाम अमर कर गयी।
महसा अमीनी कौन हैं-
ईरान में महिलाओं के ड्रेस कोड संबंध कानून का काफी विरोध होता चला आया हैं। उन्ही में से महसा ईरान की युवती थी जो लंबे समय से इन विरोध में आगे थी.। उसकी उम्र 22 साल की थी। उसने ईरान के महिला ड्रेस कोड के खिलाफ अपने बाल कटवा लिए थे। वो हिजाब नहीं पहनती थी। और खुले तौर पर ईरान की सड़को पर कटे बालो व हिजाब के बिना आती-जाती थी। ईरान में ड्रेस कानून आदि को लेकर एक मोरलिटी पुलिस का गठन किया गया हैं। जिसका काम हैं ईरान में ड्रेस कोड को कड़े तौर से महिलाओं पर लागू करना। वो महिलाओं को गिरफ्तार कर लेते हैं और उन्हे प्रताड़ित करते हैं। यदि वो हिजाब या ड्रेस कोड के नियमो का पालन नहीं करती हैं।
महसा ईरान में तेहरान कुछ दिन पहले ही अपने परिवार के साथ गयी और व ईरान पुलिस की नजर में आ गयी। जिसके बाद नैतिक पुलिस ने महसा को गिरफ्तार कर लिया। और उसे प्रताड़ित किया। जिससे उसकी मौत हो गयी। और पुलिस ने इसे छुपाने के लिए दिल का दौरा बताया। जिसके बाद से ईरान में महिलाओं में रोष जागृत हो गया और महसा को इंसाफ दिलाने के लिए सड़को पर उतर आयी। और विरोध प्रदर्शन करने लगी।
क्य हैं ईरान में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड-
1979 में ईरान में इस्लामी क्रांति से पहले शाह पहलवी के जमाने में ये देश महिलाओं को पूरी आजादी प्रदान करता था। लेकिन शाह पहलवी के देश से निष्कासित कर देने के बाद से ईरान में महिलाओं की आजादी छीन ली गयी और उनके के लिए कड़ा ड्रेस कोड लागू हो गया. जिसमें महिलाओं को ढीले वस्त्र पहनने होते हैं और सिर पर इस तरह स्कार्फ या हिजाब पहनना होता है कि वो टाइट रहे और सिर के बाल से लेकर गला उससे पूरी तरह से ढ़का होना चाहिए।