Nobel Prize 2022 : नोबंल प्राइज का ऐलान किया जाने लगा हैं। आज फिजियोलॉजी/ मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई है, जो इस बार स्वीडन के वैज्ञानिक स्वांते पाबो को दिया गया है। उन्होंने मानव विकास के जीनोम को लेकर खोज की थी, जिसके बाद उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा हैं। डीएनए को लेकर की जा रही रिसर्च में इनका नाम काफी चर्चा में हैं।

स्वांते पाबो कौन हैं-

स्वांते पाबो स्वीडन के स्टॉकहोम के रहने वाले हैं। इससे पहले उनके पिता Sune Bergström भी बायोकैमिस्ट थे। और उन्हें भी साल 1982 में नोबेल पुरस्कार (साझा) से सम्मानित किया गया था। पाबो ने 1986 में Uppsala University में अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पीएचडी करते समय उन्होने यह रिसर्च की थी कि एडेनोवायरस का E19 प्रोटीन इम्यून सिस्टम को कैसे नियंत्रित करता हैं।

इन्होने शादी साल 2008 में Linda Vigilant से हुई थी और दो बच्चे भी हैं। नोबेल पुरस्कार के अलावा उन्हें कई सारे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया हैं। लेकिन इनका नाम सबसे ज्यादा चर्चा में डीएनए की वजह से रहा हैं। इनको Paleogenetics के तौर पर भी जाना जाता हैं। 67 साल के पाबो ने वैज्ञानिक समुदाय द्वारा मानव विकास और प्रवास को बेहतर ढंग से समझने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया हैं।

स्वांते पाबो को नोबल क्यो मिला-

इनको नोबल विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनोम से संबंधित खोज के लिए प्रदान किया गया हैं। स्वांते पाबो ने पाया कि जीन का स्थानांतरण आज जो विलुप्त हो रहे होमिनिन हैं, उनसे होमो सेपियन्स में हुआ था। इन्होने डेनिसोवा नाम के एक विलुप्त होमिनिन की सनसनीखेज खोज भी की थी, जो पूरी तरह से एक छोटी उंगली की हड्डी के नमूने से प्राप्त जीनोम डेटा जैसी होती हैं।