Sunflower Amezing Facts: आपने हमेशा सूरजमुखी के बारे में सुना होगा कि सूर्य की दिशा के अनुसार सूरजमुखी भी अपनी दिशा बदलती रहती हैं। जिस दिशा में सूर्य निकलता हैं, सूरजमुखी का मुँह उसी दिशा में होता हैं और सूर्य के अस्त होते ही सूरजमुखी भी मुरझा जाती हैं। सूर्य के साथ अपनी दिशा बदलने के कारण इसका नाम सूरजमुखी रखा गया हैं। सूरज मतलब सूर्य व मुखी पर मुंह , लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि सूरजमुखी क्यो अपना मुहँ सूर्य की दिशा में बदलता हैं। नहीं पता तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं।

सूरजमुखी हमेशा सूर्य की तरफ ही मुंह क्यो किए रहता हैं-

सूरजमुखी एक ऐसा फूल हैं, जो सूर्य की दिशा के अनुसार अपनी दिशा बदलता हैं। और यही नहीं सूरजमुखी सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में ज्यादा सक्रिय रहता हैं। इसी वजह से जहाँ ज्यादा धूप निकलती हैं वहाँ पर सूरजमुखी अत्याधिक विकसित होता हैं। सूरजमुखी को विकसित होने के लिए कम से कम 6 घंटे धूप की जरूरत होती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हेलिओ ट्रॉपिज्म के कारण ही ऐसा होता है और इसी प्रक्रिया के तहत सूरजमुखी के फूल सूर्य की दिशा में मुंह किए होते हैं। जिस दिशा में सूर्य जाता हैं उस दिशा में सूरजमुखी भी अपनी दिशा बदलती रहती हैं।

सूरजमुखी दिन डलते ही अपना मुंह फिर से पूर्व की ओर कर लेती हैं। और फिर से सूर्योदय का इंतजार करती हैं। सूरजमुखी के फूलों में भी एक खास तरह की व्यवस्था होती है, जिसे हेलिओ ट्रॉपिज्म के नाम से जाना जाता हैं।

क्या होता हैं हेलिओ ट्रॉपिज्म-

हेलिओ ट्रॉपिज्म सूर्य की किरणों को डिटेक्ट करके फूल को उस तरफ मोड़ने के लिए प्रेरित करती है, जिस तरफ सूर्य होता हैं। ये फूल रात के समय आराम करते हैं और दिन में सूर्य की रोशनी पाते ही एक्टिव हो जाते हैं जैसे-जैसे सूर्य की रोशनी बढ़ती जाती हैं सूरजमुखी और ज्यादा विकसित होती जाती हैं। सूरजमुखी का मुंह हमेशा सूर्य की दिशा में हेलिओ ट्रॉपिज्म की वजह से रहता हैं।