World Samosa Day 2022: जानिए कैसे भारत में फेमस हुआ समोसा, इसका इतिहास
World Samosa Day 2022: आज पूरा देश टीचर्स-डे मना रहा हैं, लेकिन क्या आपको पता हैं कि आज के ही दिन 10वीं शताब्दी में समोसे का प्रचलन भारत में हुआ था। 10वीं सदी में फारस से आने वाले व्यापारी समोसे को लेकर यहां आए थे। वैसे तो आलू वाले समोसे की खोज भारत में ही किया गया था। दुनिया भर में अब समोसा प्रसिद्ध हो गया हैं। हर जगह इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता हैं। समोसे की लोकप्रियता इतनी बढ़ गयी हैं कि अब 5 सितंबर 2022 को वर्ल्ड समोस-डे के रूप में मनाया जाता हैं।
जानिए कैसे हुई समोसे की खोज-
10वीं शताब्दी में मध्य एशिया में समोसे की खोज की गयी थी। और अब ये भारत की पहचान बन गया हैं। भारत में आलू वाला समोसा बहुत-ही प्रसिद्ध हैं। दुनिया भर में इसमें अलग-अलग चीजो का प्रयोग करके बनाया जाता हैं। एशिया में "समोसा साम्राज्य" ईरान से दुनिया से प्रचलित हुआ। इसका जिक्र दसवीं शताब्दी में लिखी गई किताबों में किया गया है। ईरानी इतिहासकार अबोलफाजी बेहाकी ने "तारीख ए बेहाकी" में इसका जिक्र हुआ हैं। हालांकि इसके कुछ और साल पहले पर्सियन कवि इशाक अल मावसिलीकी ने इस पर कविता लिखी थी। ऐसा कहा जाता हैं कि समोसे का जन्म मिस्र में हुआ था। वहां से ये लीबिया पहुंचा। उसके बाद फिर मध्य पूर्व. ईरान में ये 16वीं सदी तक बहुत लोकप्रिय था।
इसे भारत लाने वाले वो अरबी व्यापारी थे, जो मध्यपूर्व से व्यापार के लिए मध्य एशिया और भारत आया करते थे। संभवतः दसवीं शताब्दी में. मुगलों का भी योगदान था इसे और लजीज और शाही बनाने में. इसके साथ कुछ नए प्रयोग करने में लेकिन ये तय था कि ईरान और अरब से जो व्यापारी आते थे, समोसा उनका पसंदीदा व्यंजन था। उन्होने समोसे के साथ कई सारे प्रयोग किए नॉनवेज के चाहने वाले लोग इसमें नॉनवेज का प्रयोग करते थे। कई लोग इसमें मेवे आदि का प्रयोग करते थे।
आमिर खुसरो ने लिखा इसके बारे में-
दिल्ली सल्तनत के शायर अमीर खुसरो के अनुसार, "13वीं सदी में ये मुगल दरबार की पसंदीदा डिश थी." 16वीं सदी में अबुल फजल ने आइन-ए-अकबरी में लिखा, "इसे मुख्य खाने से पहले परोसा जाता था. इसमें कीमे के साथ बादाम, अखरोट, पिस्ता, मसाले मिले होते थे. आकार तिकोना होता था. गेहूं के आटे या मैदा के तिकोने में इसे भरकर बंद करते थे. घी में तलते थे."
इब्ने बबूता ने भी की इसकी तारीफ-
मोहम्मद बिन तुगलक के दरबार में लोगों को समोसा खाते देखकर इब्ने बबूता ने भी इसके बारे में लिखा था।
आलू का समोसा कब आया प्रचलन में-
पुर्तगाली 16वीं सदी के आसपास आलू लेकर भारत आये थे। तबसे यहाँ पर भी आलू की खेती होने लगी। उस समय से समोसे में आलू, हरी धनिया, मिर्च और मसालों को मिलाकर भरा गया। जिसके बाद समोसा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया। "द ऑक्सफोर्ड कंपेनियन टू फूड" के लेखक एलन डेविडसन लिखते हैं, "दुनियाभर में मिस्र से लेकर जंजीबार तक और मध्य एशिया से चीन तक जितनी तरह के समोसे मिलते हैं, उसमें सबसे बेहतरीन आलू वाला भारतीय समोसा ही है। भले ही ईरान व अरब ने समोसे की खोज की थी। लेकिन आलू वाले समोसे की खोज तो भारत ने ही की थी।
दुनिया में समोसे को अलग-अलग नाम से जाना जाता-
संबोस्का, संबूसा, संबोसाज, मसलन-सिंघाड़ा, संबसा, चमुका, संबूसाज व अन्य नाम