World Toilet Day 2022: आज विश्व शौचायल दिवस मनाया जा रहा हैं। इसकी स्थापना जैक सिम 19 नवंबर 2001 में सिंगापुर में हुई थी। जैक से 2001 में डब्‍ल्‍यूटीओ यानी वर्ल्‍ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन की स्‍थापना की थी। 2013 में संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन द्वारा ऑ‍फिशियल तौर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व शौचालय दिवस की घोषणा की गई थी। इसका मुख्य मकसद हैं खुले में शौच को रोकना,

डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में लगभग 360 करोड़ लोग टॉयलेट से वंचित हैं। भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार, गांवों में 67 प्रतिशत और शहरों में 13 प्रतिशत परिवार खुले में शौच करते हैं। तो वहीं, रिसर्च इंस्‍टीटयूट ऑफ कंपैशनेट इकोनॉमिक्‍स के मुताबिक, देश के 40 प्रतिशत घरों में शौचालय होने के बावजूद प्रत्‍येक घर से एक सदस्‍य नियमित रूप से खुले में शौच करता हैं। इसी सोच को सुधारने के लिए हर वर्ष 19 नवंबर को 'वर्ल्‍ड टॉयलेट डे' यानी 'विश्व शौचालय दिवस' मनाया जाता हैं। जानिए इसका इतिहास क्या हैं।

वर्ल्ड टॉयलेट डे क्यो मनाया जाता हैं-

वर्ल्‍ड टॉयलेट डे की स्‍थापना सिंगापुर के जैक सिम द्वारा 19 नवंबर 2001 में की थी। जैक से 2001 में डब्‍ल्‍यूटीओ यानी वर्ल्‍ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी। तो वहीं 2013 में संयुक्‍त राष्‍ट्र संगठन द्वारा ऑ‍फिशियल तौर पर संयुक्‍त राष्‍ट्र विश्‍व शौचालय दिवस की स्थापना की थी।

वर्ल्ड टॉयलेट डे थीम 2022-

इस बार वर्ल्ड टॉयलेट डे की हर वर्ष अलग-अलग थीम रखी जाती हैं। वर्ष 2022 की थीम है: स्‍वच्‍छता और भूजल हैं। जिसके जरिए स्‍वच्‍छता और भूमिगत जल के महत्‍व के बारे में बताना

क्यो मनाया जाता हैं वर्ल्ड टॉयलेट डे-

इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना और शौचालय से जुड़े मानव अधिकार को हर व्‍यक्ति तक पहुँचाना हैं। दुनियाभर में स्‍वच्‍छता, स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा नीति का मजबूत करना, दुनियाभर में स्‍वच्‍छता, स्‍वास्‍थ्‍य और सुरक्षा नीति का मजबूत करना हैं तथा खुले में शौच करने वाली महिलाओं के खिलाफ हो रहे यौन शोषण को रोकना