Deepika Padukone (दीपिका पादुकोण) ने कहा डिप्रेशन के व्यक्त में उस दर्द से गुजरी हैं। जब 'मैं बिना किसी कारण के टूट जाती थी। वो मेरी जिंदगी के ऐसे दिन थे जब मैं जागना नहीं चाहती हूँ। उस समय मैं सिर्फ सोती रहती थी। क्योकि सोना मुझे अच्छा लगता था। जो मुझे शांति देता था।


दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) मेंटल हेल्थ को लेकर लगातार काम कर रही हैं। उन्होने बताया कि उस समय मैंने कितनी बार सुसाइड करने के बारे में सोचा था। बताया कि कैसे वह डिप्रेशन की जंग से बाहर निकलीं और जिंदगी को फिर से जीना सीखा था। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक एनजीओ की स्थापना कर रही ही हैं।


उन्होने बताया कि जब वो डिप्रेशन के दौर में थी। तब उस समय उनको उनकी माँ ने समझा था। उन्होने बताया कि उस समय उनकी माँ ने उनको समझा व उनको इन सबसे बाहर निकाला था। हालहि में दिपिका पादुकोण ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'मैं बिना किसी कारण के टूट जाती थी। वो मेरी जिंदगी के ऐसे दिन थे,जब मैं जागना नहीं चाहती थी। क्योकि सोने से मुझे शांति मिलती थी।


उन्होने आगे कहा कि मुझे कई बार आत्महत्या करने के ख्याल भी आए और जब मम्मी-पापा मेरे से मिलने आते थे तो मैं उनके सामने नॉर्मल बिहेवियर करने की कोशिश करती थी। मेरे मम्मी-पापा बेंगलुरु में रहते हैं और हर बार, पहले भी आज भी.. मैं ऐसे ही दिखती थी। लेकिन एक बार मैं टूट गयी और रोने लगी। तब मेरी माँ ने मुझसे पूछा- क्या बॉयफ्रेंड की वजह से? क्या काम की वजह से? कुछ हुआ है क्या?'


उन्होने बताया कि मेरे पास उनके सवालो का कोई जवाब ही नहीं था। उस समय मुझे बस सब कुछ खाली सा लगता था और वो समझ गई थीं कि मैं डिप्रेशन में हूं। मैं आज इस स्थिति से निकल पायी हूँ। सिर्फ व सिर्फ अपनी फैमिलि की वजह से। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना हैं कि उनके डिप्रेशन में जाने की वजह रणवीर कपूर के साथ उनका ब्रेकअप था।


उन्होने बताया कि उन्होने डिप्रेशन से उभरने के लिए मनोचिकित्सक का सहारा लिया। मेडिटेशन किया शुरूआत के दिनो में उन्हे ये सब करना अच्छा नहीं लगता था। लेकिन कुछ दिनो बाद से मुझे अच्छा लगने लगा। और मैं इससे बाहर निकल आयी। अब दीपिका एक एनजीओ चलाती हैं जो उन लोगों की मदद करता है, जो डिप्रेशन, तनाव आदि से जूझ रहे हैं। इस एनजीओ का नाम 'लिव लव लाफ' हैं।