World's longest Underwater tunnel : दुनिया की सबसे लंबी पानी के नीचे बन रही हैं सुरंग (World's longest Underwater tunnel) जिसका नाम फेहमर्न बेल्ट फिक्स्ड लिंक टनल (Fehmarn belt link) है। खबरो की माने तो इस समुद्री सुरंग के नीचे से रेल यातायात और सड़क यातायात दोनों ही संचालित होगे। यह सुरंग जर्मनी और डेनमार्क को जोड़ेगी।


इस प्रोजेक्ट का काम तेजी के साथ और सफलता पूर्वक चल रहा हैं। सबसे अच्छी बात तो ये हैं कि यह प्रोजेक्ट दोनो देशो के गवर्मेंट की निगरानी में बन रहा हैं। डेनमार्क की ये अभी तक की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग परियोजना है। जो यूरोपीय यूनियन (EU) के Ten-T कार्यक्रम का हिस्सा बनी हैं। यूरोपीय संघ ने इसके निर्माण में €1.1 बिलियन यूरो खर्च किया हैं।


इस परियोजना के जरिए पूरे महाद्वीप का ट्रांसपोर्ट लिंक तैयार होने के साथ इंटरकनेक्टिविटी भी काफी मजबूत बनेगी। इस अंडर वाटर रेल टर्नल की शुरूआत 10 सालो तक की खोज व रिसर्च का परिणाम हैं। 2020 से इस टर्नल को बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया हैं।


इस सुरंग की लम्बाई कुल 18 किलोमीटर तक की हैं। यूरोपीय न्यूज की माने तो यह यूरोप का अभी तक का सबसे बड़ा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट है। ये सुरंग बाल्टिक सागर से 40 मीटर अंदर बन रही हैं। यह सुरंग जर्मनी के फेहमर्न (Fehmarn) और डेनमार्क के लोलैंड (Lolland) आइलैंड को सीधी तौर पर जोड़ने का काम करेगी। वर्तमान समय में दोनों देशों के बीच नावों से करोड़ों लोग हर साल तक सफर करते हैं। नावों की यह सर्विस रोडबी (डेनमार्क) और पुटगार्डन (जर्मनी) के बीच है।


आपको बता दे कि नाव से इस समुद्री सफर में करीब 45 मिनट से 60 मिनट का समय लगता हैं। पर सुरंग बनने से ट्रेन से यह दूरी 7 मिनट और कार से 10 मिनट ही लगेगा। इससे स्कैंडिनेविया देश और मध्य यूरोप आपस में एक-दूसरे से जुड़ जाएगे।



बताया जा रहा हैं कि जलवायु की दृष्टि से यातायात का ये तरीका काफी अच्छा हैं। कोपेनहेगन (Copenhagen) से हैम्‍बर्ग (Hamburg) का सफर ट्रेन से करने में करीब पांच घंटे तक का समय लगता हैं। लेकिन इस सुरंग के बन जाने के बाद ये दूरी भी कम हो जाएगी।