नई दिल्ली: हाल में हुए विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने वाली भाजपा ने 2024 की बड़ी सियासी जंग की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने उन बूथों पर ताकत लगाने की रणनीति तैयार की है जिन पर पार्टी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इन बूथों पर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए एक टीम का गठन किया गया है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन बूथों के मतदाताओं से संपर्क साध कर पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाया जा सकता है।

टीम के सदस्यों को लोगों से संपर्क साधने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए पार्टी की ओर से बाकायदा अभियान छेड़ने की तैयारी है और इस अभियान की शुरुआत पार्टी के अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा करेंगे। दरअसल हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पार्टी चार राज्यों की सत्ता पर काबिज हुई है। पार्टी को सिर्फ पंजाब में हार का मुंह देखना पड़ा है और वहां पहले से ही पार्टी की स्थिति मजबूत नहीं मानी जा रही थी। इस जीत से उत्साहित पार्टी ने अब मिशन 2024 की तैयारी शुरू कर दी है।

बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी-

कमजोर बूथों पर पार्टी की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी है। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस अभियान में पार्टी के सांसदों की बड़ी भूमिका होगी। सांसदों के साथ ही भाजपा की प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और पार्टी के जिला अध्यक्षों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा। अभी इस अभियान को शुरू करने की तारीख नहीं तय की गई है मगर अभियान शुरू होने के बाद इसे 3 महीने में पूरा करने की योजना तैयार की गई है। इस योजना को तीन चरणों में चलाया जाएगा और अभियान के दौरान कमजोर बूथों से जुड़े ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश की जाएगी।

तीन चरणों में चलेगा अभियान-

पार्टी की ओर से तैयार की गई रणनीति के तहत पहले चरण में टीमों का गठन किया जाएगा। दूसरे चरण के दौरान उन बूथों की पहचान की जाएगी जहां पार्टी की स्थिति मजबूत नहीं है और जहां ज्यादा मेहनत किए जाने की जरूरत है। बूथों की पहचान का काम पूरा होने के बाद जनसंपर्क का काम शुरू कर दिया जाएगा। टीम में शामिल सदस्य इस अभियान की अगुवाई करेंगे और क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा।

कमजोर बूथों की पहचान का काम शुरू-

भाजपा अध्यक्ष नड्डा की ओर से बनाई गई कमेटी की कमान बैजयंत पांडा को सौंपी गई है। टीम के सदस्यों में भाजपा महामंत्री सीटी रवि, पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष और लाल सिंह वर्मा शामिल है।

टीम ने देश भर में भाजपा के लिए कमजोर बूथों की पहचान शुरू कर दी है और अभी तक 73,000 बूथों की पहचान की गई है। इन बूथों पर भाजपा प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिलते रहे हैं। इनमें से अधिकांश बूथ दक्षिण भारत से जुड़े हुए हैं जहां भाजपा ज्यादा मजबूत स्थिति में नहीं दिखती।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर भी फोकस-

मिशन 2024 की तैयारियों के साथ ही भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी तेज कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने गुरुवार को दोनों राज्यों के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में चुनावी रणनीति पर लंबी चर्चा की। दोनों राज्यों के चुनावी तैयारियों के लिए अलग-अलग बैठकों का आयोजन किया गया।

मध्यप्रदेश में भाजपा की ही सरकार है जबकि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार सत्तारूढ़ है। भाजपा नेतृत्व मध्य प्रदेश से ज्यादा छत्तीसगढ़ को लेकर चिंतित है क्योंकि 2018 में चुनावी हार के बाद हुए 4 उपचुनावों में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। इसी कारण भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ में ज्यादा ताकत लगाने का फैसला किया है।